अयोध्या में फलफूल रहा अवैध पटाखों का धंधा, कहां से आ रहा कच्चा माल- मुहैया कौन करा रहा? प्रशासन मौन
अयोध्या में पटाखों का अवैध कारोबार प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। दीपावली से पहले यह धंधा फिर से शुरू हो जाता है जिसके चलते कई हादसे हो चुके हैं। लाइसेंस न होने पर भी अवैध रूप से पटाखे बनाने और बेचने का काम तेजी से चल रहा है। प्रशासन की ओर से कोई ठोस योजना न होने के कारण इस पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। पटाखों के अवैध कारोबार पर नियंत्रण प्रशासन के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। जिले में पटाखों के अवैध भंडारण एवं निर्माण के कारण हादसे भी हो चुके हैं। यह धंधा दीपावली निकट आने के पहले शुरू हो जाता है।
हर वर्ष इसे लेकर सतर्कता के दावे किए जाते हैं, लेकिन इस कारोबार पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। बीते वर्षों में कई हादसे भी सामने आ चुके हैं। फिर भी प्रशासन की ओर से पटाखों के अवैध कारोबार को रोकने की कोई कार्ययोजना सामने नहीं आई है।
जिले में पटाखा बिक्री अथवा निर्माण का कोई लाइसेंस भले ही न हो लेकिन शहर से लेकर गांव तक अवैध रूप से पटाखा बनाने और बेचने का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। वर्ष 2015 में रौनाही थाना क्षेत्र में अवैध रूप से डंप करके रखे गए पटाखे के ढेर में विस्फोट होने से मकान के परखच्चे उड़ गए थे।
एक महिला की मौत हो गई थी। ऐसे ही कई हादसे पुलिस की फाइलों में दर्ज है, लेकिन उनसे सबक नहीं लिया जा रहा है। सिर्फ मुकदमा दर्ज कर दायित्व पूरा कर लिया जाता है। गत वर्ष पूराकलंदर के भदरसा में एक आटा चक्की में विस्फोट हुआ था, जिसमें महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी।
आरोपियों के पास पटाखा बनाने के लिए संसाधन कहां से आ रहे हैं, बारूद कौन मुहैया करा रहा है, जैसे सवालों का उत्तर कभी नहीं मिलता है।
दीपावली से पहले प्रशासन अभियान चलाकर पटाखे के अवैध कारोबार को रोकने की रस्म अदायगी जरूर करता है, लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव में कभी भी इस धंधे पर प्रभावी अंकुश नहीं लग सका। सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि पटाखे के अवैध कारोबार पर नियंत्रण के लिए निरंतर अभियान चलाया जाता है।
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