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    आकाश से करिए अयोध्या दर्शन, रामनगरी में शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा; इतना है किराया

    Ayodhya Helicopter service श्रद्धालु अब हेलीकॉप्टर से अयोध्या के धार्मिक स्थलों और सरयू तट का हवाई दर्शन कर सकते हैं। इस आठ मिनट की यात्रा में हेलीकॉप्टर राममंदिर के पास से भी गुजरेगा। प्रति व्यक्ति किराया 4130 रुपये रखा गया है और यात्रा रामकथा पार्क के निकट बने हेलीपैड से संचालित होगी। पहले दिन 60 पर्यटकों ने इसका अनुभव लिया।

    By Ravi Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 19 Feb 2025 09:03 PM (IST)
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    रामनगरी में शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामनगरी आने वाले श्रद्धालु अब हेलीकाप्टर में बैठ कर आकाश से अयोध्या दर्शन कर सकते हैं। आठ मिनट की हवाई यात्रा में हेलीकाप्टर सरयू तट सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों व राममंदिर के बगल से गुजरेगा। इसकी अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है। बुधवार से रामनगरी में पर्यटकों के लिए इस सुविधा की शुरुआत की गई है।

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    पर्यटन विभाग की ओर से राजस एयरोस्पोर्ट्स एवं एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड यह सुविधा उपलब्ध करा रहा है। पहले दिन 13 चक्कर लगाए गए, जिसमें 60 पर्यटकों ने रामनगरी की हवाई यात्रा की। अयोध्याधाम के ऊपर मंडराता हेलीकाप्टर सड़क पर चलने वालों के लिए जहां कौतूहल का विषय रहा है, वहीं हेलीकाप्टर में सवार रोमांचित रहे।

    किराया कितना? 

    यात्रा करने वालों में काफी उत्साह दिखा। हेलीकाप्टर में एक बार में पांच लोग सवार हो सकते हैं, जिसमें प्रति व्यक्ति किराया 4130 रुपये है। संस्था के बेस मैनेजर अमित प्रकाश सिंह ने बताया कि रामकथा पार्क के निकट हेलीपैड बनाया गया है और यहीं से टिकट भी उपलब्ध होगा।

    सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक की अवधि में यात्रा होगी। इस बीच दोपहर एक से दो बजे के बीच लंच का समय प्रस्तावित किया गया है। बुधवार को पहले दिन मुख्य अग्निशमन अधिकारी एमपी सिंह ने इसकी औपचारिक शुरुआत की है।

    अयोध्यावासियों और श्रद्धालुओं के दुख-दर्द को लेकर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट चिंतित

    वहीं, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने तीर्थ क्षेत्र पुरम में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक में दूसरे दिन अयोध्यावासियों व श्रद्धालुओं के दुख-दर्द पर भी चर्चा हुई। अभी 12-12 किलोमीटर श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ रहा है।

    स्थानीय निवासियों को भी अपने सामान्य कार्य के लिए कष्ट उठाना रहा है। यह स्थिति अभी फरवरी भर रहेगी और रामनवमी के आसपास भी ऐसी ही स्थिति बनेगी। अभी अयोध्या इसके लिए तैयार नहीं है। क्योंकि प्रतिदिन चार से पांच लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। कम से कम सात लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं।

    इसके साथ ही आगामी दिनों में आ रहे नवरात्र और रामनवमी पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि सबके लिए जल की व्यवस्था परिसर में उपलब्ध हो। इसके लिए न्यासी डा. अनिल मिश्र ने निर्माण एजेंसियों के अभियंताओं और वास्तुकारों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर इस बात का अनुमान लगाया गया कि कितनी पाइप लाइन पूरे परिसर में और डालनी पड़ेगी।

    बैठक में देश के प्रसिद्ध भवनों की तरह श्रीरामजन्मभूमि को भी रात्रि में बिजली की रोशनी से प्रतिदिन जगमग करने की योजना पर विचार किया गया। इस पर संबंधित संस्थाओं से बातचीत की जाएगी। सर्दियों में शाम छह बजे से रात दस बजे तक और गर्मियों में शाम सात बजे से रात नौ बजे तक श्रीरामजन्मभूमि परिसर और मंदिर विद्युत के सजावटी प्रकाश से जगमग किये जाने का निर्णय किया गया।

    इसकी व्यवस्था भविष्य में सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं पैर ना जलें इस दृष्टि से गत वर्ष गर्मियों में दर्शन मार्ग पर जर्मन हैंगर लगाए गए थे। इस बार भी यह व्यवस्था की जाएगी। लगभग पौने दो किलोमीटर दूरी में जर्मन हैंगर लगाए जाएंगे।