आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थी पोषक आहार से रह जाएंगे वंचित! समय रहते जरूर करा लें ये काम
आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा नहीं होगा उन्हें अनाज और प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाएगी। यह कदम पोषण योजनाओं में पारदर्शिता और सही लाभ वितरण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रुदौली क्षेत्र के 209 आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 27941 लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाएं अब पोषण ट्रैकर एप पर ई-केवाईसी और चेहरा प्रमाणीकरण (एफआरएस) से जुड़ी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ही मिलेगी। निर्धारित समय सीमा के बावजूद ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी न होने पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
इस संबंध में प्रमुख सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार ने निर्देश दिया है कि जिन लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा नहीं हुआ है, उन्हें अनाज और प्रोत्साहन राशि किसी भी दशा में न दी जाय। विभाग का उद्देश्य पोषण योजनाओं की पारदर्शिता और सटीक लाभ वितरण सुनिश्चित करना है।
सीडीपीओ रेनू यादव ने बताया कि रुदौली क्षेत्र में अब भी 4,759 लाभार्थियों का ई-केवाईसी और चेहरा प्रमाणीकरण शेष है, जबकि 23,188 लाभार्थियों का प्रमाणीकरण पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक की डेडलाइन के बावजूद शत-प्रतिशत प्रमाणीकरण न हो पाना लापरवाही है।
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि तीन से छह वर्ष के सभी पंजीकृत बच्चों का ई-केवाईसी कार्य अनिवार्य रूप से पूरा कराएं, ताकि केंद्र पर उपस्थितियों और लाभ वितरण की सही मानिटरिंग हो सके।
सीडीपीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेवाएं प्राप्त करने के लिए पोषण ट्रैकर एप पर उपस्थिति प्रमाणीकरण, फोटो कैप्चर और एफआरएस (फेस रिकग्निशन सिस्टम) की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि पोषण ट्रैकर पर आधारित यह प्रक्रिया न सिर्फ योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाएंगी, बल्कि फर्जीवाड़े और डुप्लीकेसी पर भी रोक लगेगी।
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