मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा ने तैयार किया ब्लूप्रिंट, सपा के गढ़ में इन पांच दिग्गज मंत्रियों को सौंपी कमान
भाजपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। सपा के गढ़ में इस बार पार्टी ने पांच दिग्गज मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। कुंदरकी और कटेहरी उपचुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा मिल्कीपुर में भी कमल खिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस लेख में हम आपको भाजपा की रणनीति और मिल्कीपुर उपचुनाव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

प्रहलाद तिवारी, अयोध्या। कुंदरकी व कटेहरी उपचुनाव की जीत से उत्साहित भाजपा अब मिल्कीपुर में चक्रव्यूह रचने में जुट गई है। अभी तक मिल्कीपुर में चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गयी थी, अब पांच मंत्रियों को मिल्कीपुर में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के पांच मंडल है। प्रत्येक मंडल की कमान एक मंत्री के हाथ में होगी। कुंदरकी व कटेहरी सपा के गढ़ रहे है और उपचुनाव में दोनों क्षेत्रों में भगवा परचम लहराकर भाजपा ने बड़ा उलटफेर किया है। इसी प्रकार मिल्कीपुर भी सपा का गढ़ माना जाता है। ऐसे में भाजपा कुंदरकी व कटेहरी की तरह ही मिल्कीपुर का लक्ष्य भेदने की रणनीति बना रही है।
पांच मंत्रियों को सौंपी गई कमान
अभी तक चार मंत्रियों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा को मिल्कीपुर सीट का जिम्मा दिया गया। अब सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संगठन में एक लंबा अनुभव होने के साथ ही वह कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा की जीत में अहम रोल निभा चुके हैं। इसके साथ ही दो विधानपरिषद सदस्य अवनीश पटेल व डा. धर्मेंद्र सिंह को यहां पर लगाया गया है। अवनीश पटेल जहां जातीय समीकरण साधेंगे, वही धर्मेंद्र सिंह सांगठनिक कार्यों को गति देंगे।
35 विधायकों को दिया जाएगा टास्क
संगठन में शिल्पकार के नाम से चर्चित एमएलसी व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धर्मेंद्र सिंह की कटेहरी उपचुनाव में मिली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रस्तावित उपचुनाव में भाजपा के 35 वर्तमान व पूर्व विधायक को भी टास्क दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त संगठन कार्य में माहिर बाहरी जिलों के पदाधिकारी व प्रदेश के पदाधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा। एक पदाधिकारी को दो बूथ की मानीटरिंग की जिम्मेदारी होगी।
मिल्कीपुर से सपा के विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद निर्वाचित होने के बाद उपचुनाव प्रस्तावित है। हाल ही में संपन्न उपचुनावों में यहां पर भी चुनाव होना था लेकिन उच्च न्यायालय में याचिका लंबित होने से उपचुनाव नहीं हो सका। अब याचिका वापस लेने के बाद यहां उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है और मिल्कीपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है।
चार श्रेणी में बांटे जाएंगे बूथ
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के कुल 414 बूथों को भाजपा ने चार श्रेणी में विभाजित किया है। ए श्रेणी के बूथ जो भाजपा हर बार जीतती है और बी श्रेणी में वह बूथ चिंहित किए जाएंगे, जहां वह बराबर पर रहती है। सी श्रेणी के बूथ जहां पार्टी कमजोर है और डी श्रेणी के वह बूथ होंगे जहां पर भाजपा को बहुत कम मत मिलते हैं। भाजपा संगठन की दृष्टि से 61 शक्ति केंद्र है। एक शक्ति केंद्र में पांच से सात बूथ समाहित किए गये हैं। प्रत्येक शक्ति केंद्र पर एक संयोजक, एक प्रभारी व एक प्रवासी को जिम्मेदारी दी गयी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने बताया-
उपचुनाव के नतीजों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि लोकसभा चुनाव में दिग्भ्रमित हुई जनता फिर से भाजपा के साथ खड़ी है। विपक्ष का पीडीए व संविधान का नारा खोखला साबित हो गया है। मिल्कीपुर उपचुनाव बड़े अंतर से भाजपा जीतने जा रही है। डी श्रेणी के बूथों को सी, सी श्रेणी के बूथों को बी और बी श्रेणी के बूथों को ए में बदलने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
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