रामपथ के अलावा भक्तिपथ-धर्मपथ भी; अयोध्या में मार्गों को मिल रहे नए नाम, 74 गलियों का होगा पुनरुद्वार
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या के मार्गों का तेजी से विकास हो रहा है। सआदतगंज से नयाघाट तक रामपथ को मुख्य सड़क के रूप में विकसित किया गया है लेकिन ऊंची सड़क के कारण 74 गलियां नीची हो गईं जिससे जलभराव और अन्य समस्याएं उत्पन्न हुईं। इन गलियों के पुनर्विकास पर 2671 लाख रुपये खर्च होंगे। अवध आगमन पथ भी आकर्षक रूप से तैयार हो रहे हैं।

रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। राम मंदिर पर सुप्रीम निर्णय के बाद विकास की दिशा में गतिशील रामनगरी की पहचान यहां के विकसित मार्ग भी बन रहे हैं। भविष्य की यातायात चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए नए मार्ग विकसित किए जा रहे हैं। सआदतगंज से नयाघाट तक बने रामपथ को शहर की मेन स्पाइन रोड के रूप में विकसित किया गया है। यह फोरलेन मार्ग करीब 14 किलोमीटर लंबा है।
इस मार्ग के बनने से यातायात संबंधी जटिलता नियंत्रित हुईं और ई-बसों के संचालन का मार्ग तो प्रशस्त हुआ, लेकिन निर्माण के बाद सड़क का स्तर ऊंचा होने से इससे जुड़ने वाली 74 गलियां इतनी नीची हो गईं हैं कि वहां जलनिकासी सहित अन्य समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।
संबंधित गलियों से होकर मुहल्लों में जाने वाले संपर्क मार्ग अविकसित रह गए। साहबगंज, रीड़गंज, रिकाबगंज सहित अयोध्याधाम एवं फैजाबाद नगरीय क्षेत्र में कई स्थानों पर गलियां इतनी नीचे हो गई हैं कि गहरी ढलान बन गयी है, जिससे आवागमन करते समय वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। अब इन गलियों के सुधार को लेकर नगर निगम ने कदम बढ़ाया है।
पुनर्विकास पर खर्च होंगे 2671 लाख रुपये
गलियों को चिह्नित कर लिया गया है, जिनके पुनर्विकास पर 2671 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी प्रस्ताव के साथ मुख्यमंत्री से भी भेंट कर चुके हैं। अनुमान है कि बजट भी जल्द ही शासन से स्वीकृत हो जाएगा।
नगर निगम के मुख्य अभियंता पुनीत ओझा ने बताया कि रामपथ बनने के लिए उससे सटी गलियां नीची हो गई हैं, जिससे जलभराव व अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इसे दृष्टिगत रखते हुए गत दिनों महापौर एवं नगर आयुक्त ने संयुक्त रूप से इस पर मंथन किया, जिसके उपरांत 74 गलियों के कायाकल्प की रूपरेखा बनाई गई है। यहां ड्रेनेज के लिए भी नए सिरे से उपाय किए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों को असुविधा न होने पाए।
राम मंदिर का निर्माण होते हए।
मार्गों को मिल रहे नए नाम
राममंदिर को दृष्टिगत रखते हुए रामनगरी में बन रहे मार्गों को नए स्वरूप के साथ नया नाम भी मिल रहा है। रामपथ, भक्तिपथ, रामजन्मभूमि पथ, धर्मपथ का निर्माण हो चुका है। मार्ग विकास की नई कड़ी के रूप में फोरलेन वाला अवध आगमन पथ अंतिम स्पर्श पा रहा है। क्षीरसागर पथ के बाद रामपथ से अयोध्याधाम जंक्शन को जोड़ने वाला दूसरा फोनलेन मार्ग है।
इस मार्ग की लंबाई 315 मीटर है। यह पथ भी रामपथ की भांति आकर्षक बनाया जाएगा। निर्माण एजेंसी प्रिया कंस्ट्रक्शन ने 90 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। विशेष बात यह है कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना इस मार्ग का निर्माण हो रहा है। इसी कड़ी में नगर की 74 गलियों के कायाकल्प को मार्ग व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने वाला कदम माना जा रहा है।
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