Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ram Mandir प्राण-प्रतिष्ठा से अब तक... 13 करोड़ टूरिस्ट पहुंचे Ayodhya, पर्यटन उद्योग में बंपर उछाल; इकोनॉमी को लगे पंख

    (Ayodhya Ram Mandir) राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया है। प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के आगमन से पर्यटन (Ayodhya Tourist) को बढ़ावा मिला है। बड़े-बड़े होटल-रेस्टोरेंट खुलने से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। अयोध्या की अर्थव्यवस्था अब महानगरों का मुकाबला करने लगी है। रामलला के आंगन में सात समंदर पार से भी लोग पहुंच रहे हैं।

    By lavlesh kumar mishra Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sat, 18 Jan 2025 05:01 PM (IST)
    Hero Image
    राम मंदिर बन जाने से अयोध्या की तस्वीर ही बदल गई है। (तस्वीर जागरण)

    लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। लंबे संघर्ष के बाद रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ तो करोड़ों सनातनधर्मियों की आस्था समृद्ध हुई, अयोध्या की अर्थव्यवस्था ने भी समृद्धि की राह पकड़ ली है। जहां पहले प्रतिदिन चार-पांच हजार श्रद्धालुओं का आगमन होता था, अब वहां हर दिन डेढ़ से दो लाख लोग पहुंच रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश-विदेश से आने वाले ये श्रद्धालु रामलला का तो दर्शन कर ही रहे हैं, विभिन्न पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण कर उनके सौंदर्य काे निहार रहे हैं। बड़ी संख्या में पर्यटकों के आगमन से वीरान पड़े स्थल भी संवर उठे हैं। बड़े-बड़े समूहों के होटल-रेस्टोरेंट खुल गए हैं, जो प्रतिदिन लाखों का कारोबार कर अर्थव्यवस्था काे सुदृढ़ बना रहे और लोगों को आनंद का अवसर प्रदान कर रहे हैं।

    भगवान श्रीराम की जन्मस्थली त्रेतायुगीन अयोध्या की आभा गत वर्ष राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से दमक उठी है। भव्य राजप्रासाद में रामलला के विराजमान होते ही हर कोई उनके दर्शन-पूजन को लेकर उत्सुक दिख रहा है। कोई सैकड़ों किलोमीटर दूर से साइकिल चला या पैदल चल कर आ रहा तो कोई बस, ट्रेन या अन्य माध्यमों से अयोध्या पहुंच रहा है। क्या उत्तर-दक्षिण, क्या पूर्व-पश्चिम?

    पर्यटन स्थल पर भी जा रहे पर्यटक

    रामलला के आंगन में सात समंदर पार से भी लोग पहुंच रहे हैं और रामलला का दर्शन कर अपनी साध पूरी कर रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के साथ ही वर्षों तक उपेक्षित रही रामनगरी के अन्य धार्मिक व पौराणिक महत्व वाले स्थलों का सौंदर्य भी निखर उठा है।

    प्रदेश की योगी सरकार ने विभिन्न पर्यटन स्थलों के सुंदरीकरण के लिए सरकारी खजाने का मुंह खोला तो अयोध्या की नैसर्गिक आभा सैलानियों को आकर्षित करने लगी है। सुदूर क्षेत्रों से लोगों के आगमन और ठहरने के कारण यहां की अर्थव्यवस्था ने भी गति पकड़ ली है।

    रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को होने वाले हैं एक साल

    ऐसा नहीं कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहले अयोध्या में बाहरी श्रद्धालुओं का आगमन नहीं होता था। दूर-दूर से लोग आते थे, लेकिन कुछ विशेष पर्वों पर ही। अब शायद ही ऐसा कोई दिन हो, जिस दिन अयोध्या में डेढ़ से दो लाख लोगों का आगमन न होता हो।

    प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों के आगमन व उनके ठहराव से लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। डेढ़-दो वर्ष पूर्व जो व्यक्ति अयोध्या में किसी भी प्रकार के कारोबार से हर दिन पांच-छह सौ रुपये की आय करता था, अब उसकी भी हजार-डेढ़ हजार रुपये से ऊपर की आमदनी हो रही है।

    बड़े-बड़े होटलों का बढ़ा है कारोबार

    देश-विदेश के लोगों के आने के कारण ही अयोध्या में रैडिसन, मैरिएट, ओबराय, ताज, डोमिनोज जैसे बड़े औद्योगिक समूहों ने होटल-रेस्टोरेंट खोल लिए हैं। ये बड़े-बड़े होटल प्रतिदिन लाखों का कारोबार तो कर ही रहे हैं, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं।

    वर्तमान में अयोध्या में लगभग 65 पंजीकृत होटल-रेस्टाेरेंट हैं तो 1056 पंजीकृत होम स्टे खुले हैं। यदि गैर पंजीकृत को भी मिला दें तो होटलों की ही संख्या 100 से अधिक है। इस दृष्टि से माना जा रहा कि अगले पांच वर्षों में अयोध्या की अर्थव्यवस्था महानगरों का मुकाबला करने लगेगी।

    दस गुना से अधिक बढ़ी पर्यटकों की संख्या 

    राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या का वास्तविक सौंदर्य तो निखारा ही है, पर्यटकों का आकर्षण भी चुराया है। पहले जहां वर्ष भर में डेढ़-दो करोड़ श्रद्धालुओं का ही यहां आगमन होता था, अब 12-13 करोड़ लोग आने लगे हैं। पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद यादव कहते हैं कि गत वर्ष अयोध्या में लगभग 13 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ है। आने वाले कुछ वर्षों में जब अयोध्या में संचालित कुछ पर्यटन व विकास योजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो यह संख्या लगभग 15 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है।

    दीपोत्सव ने दी अंतरराष्ट्रीय ख्याति

    वर्ष 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनी तो अयोध्या में हर साल दीपोत्सव का आयोजन होने लगा। दीपावली से एक दिन पूर्व छोटी दिवाली पर लाखों दीये प्रज्वलित तो रामनगरी में होते हैं, पर इनकी दीप्ति सात समंदर पार तक अयोध्या की ख्याति को समृद्ध करती है। गत वर्ष 25 लाख से अधिक दीये एक साथ जलाए गए तो अयोध्या ने अपना ही रिकार्ड तो तोड़ा है।

    अगले पांच वर्ष में दिखेगा सकारात्मक बदलाव

    डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री प्रो. आशुतोष कुमार सिन्हा भी मानते हैं कि राम मंदिर के निर्माण ने बहुत कुछ बदला है और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया है। उनका कहना है कि मंदिर बनने के बाद से अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं और होटलों में रुक रहे हैं तो लोगों को विविध प्रकार से रोजगार मिला है।

    कहा जा सकता है कि पहले की अपेक्षा अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी पर्यटकों का आगमन ही हो रहा, पर ठहराव नहीं। अगले पांच वर्ष में जब मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा, कई परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे निश्चित रूप से लोग यहां रुकने लगेंगे और निवेश की मात्रा भी बढ़ जाएगी।

    इसे भी पढ़ें- Ram Mandir Anniversary: 22 जनवरी को हुई थी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, तो पहली वर्षगांठ 11 तारीख को क्यों?