यूपी के इस जिले में बनेगा देश का पहला मंदिर संग्रहालय, टाटा समूह नवंबर से करेगा निर्माण
अयोध्या में देश के पहले मंदिर संग्रहालय की परिकल्पना अब साकार हो रही है। टाटा समूह ने इसके निर्माण के लिए टाटा संस को कार्यदायी एजेंसी बनाया है। संग्रहालय का निर्माण 1 नवंबर से शुरू होने की संभावना है और इस पर 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यहाँ, श्रद्धालुओं को देश भर के वैष्णव मंदिरों की वास्तुकला देखने को मिलेगी।

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। रामनगरी में देश के पहले टेंपल म्यूजियम (मंदिर संग्रहालय) की परिकल्पना लगभग वर्ष भर बाद अब मूर्तरूप लेने लगी है। टाटा समूह की ओर से इसके निर्माण के लिए टाटा संस को कार्यदायी एजेंसी के रूप में चिह्नित कर दिया है।
राम मंदिर निर्माण में पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) के अभियंताओं को भी संलग्न किया गया है। वे टाटा संस के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर निर्माण शुरू कराने जा रहे हैं।
बताया गया कि संग्रहालय का निर्माण एक नवंबर से प्रारंभ हो जाने के आसार हैं, परंतु यह रामजन्मभूमि परिसर के ध्वजारोहण समारोह के उपरांत ही गति पकड़ेगा। संग्रहालय का निर्माण टाटा समूह स्वयं की धनराशि से कराएगा। इस पर कुल 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत टाटा समूह ने रामनगरी में ऐसे अनूठे संग्रहालय की परिकल्पना तैयार की थी, जिसमें पहुंच कर श्रद्धालुओं को देश भर में वैष्णव संप्रदाय के अति प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिरों की वास्तु कला देखने को मिल सके। इसमें विभिन्न मंदिरों की प्रतिकृति (रेप्लिका) प्रदर्शित की जाएगी।
इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार ने गत वर्ष ही माझा जमथरा में राजघाट के समीप 28 एकड़ भूमि चिह्नित कर दी थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी निश्शुल्क भूमि दे दी थी। टाटा समूह की ओर से इस मंदिर संग्रहालय का निर्माण अपने सीएसआर (कारपोरेट सामाजिक दायित्व) फंड से कराया जाएगा। इस परियोजना पर कुल 750 रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसमें 650 करोड़ रुपये संग्रहालय निर्माण और 100 करोड़ रुपये इसके आसपास मूलभूत सुविधाओं के विकास पर खर्च किए जाने हैं। मंदिर संग्रहालय में पूरे देश की मंदिर परंपरा, उनका इतिहास, स्थापत्य शैली व वैशिष्ट्य की झलक दिखेगी।
राम मंदिर निर्माण में संलग्न टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के एक अधिकारी के अनुसार माझा जमथरा में चिह्नित 28 एकड़ भूमि की फेंसिंग कराई जा चुकी है। शीघ्र ही टाटा संस के अधिकारी रामनगरी आने वाले हैं। स्थल निरीक्षण के बाद एक नवंबर से कार्य शुरू हो जाने की संभावना है।

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