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    अयोध्या में नाव पर बैठकर देख सकेंगे रामकथा से जुड़े दृश्य, त्रेता युग जैसा होगा आभास

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:58 PM (IST)

    अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में अब श्रद्धालु नाव पर बैठकर त्रेता युग का अनुभव कर सकेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तकनीकी कारणों से पुष्पक विमान परियोजना स्थगित कर दी है अब इमर्सिंग शो के माध्यम से राम के जीवन का चित्रण होगा। संग्रहालय का नवीनीकरण किया जा रहा है और अप्रैल तक इसे दर्शन के लिए खोलने की तैयारी है।

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    अब नाव पर बैठ कर त्रेता युग का दृश्यांकन देख सकेंगे रामभक्त। जागरण फोटो

    लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। अब अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु नाव पर बैठ कर त्रेता युग का आभास कर सकेंगे और अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से भगवान श्रीराम व रामकथा से जुड़े विविध प्रसंगों का दृश्यांकन देख सकेंगे। यह सब उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक से डिजिटलाइज्ड प्रसारित होगा। प्रत्येक श्रद्धालु को सात से आठ मिनट तक का अवसर मिलेगा।

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    श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संग्रहालय परिसर में तकनीकी अड़चनों के कारण पूर्व में प्रस्तावित पुष्पक विमान के प्रोजेक्ट को स्थगित कर दिया है। अब इमर्सिंग शो के माध्यम से परिसर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवनवृत्त का चित्रण होगा।

    सरयू तट पर स्थित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नए सिरे से विकसित करा रहा है। मंदिर निर्माण समिति के निर्देशन में संग्रहालय से जुड़े समस्त कार्य संपादित हो रहे हैं। परिसर के जीर्णोद्धार व वीथिकाओं का सिविल वर्क उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम करा रहा है तो गैलरियों का डिजिटलीकरण विभिन्न संस्थाओं के जिम्मे है।

    गैलरियों में भगवान श्रीराम, रामकथा व रामायण से जुड़े देश भर में प्रचलित प्रदर्श व पुरावशेष प्रदर्शित किए जाएंगे। कुल 20 गैलरियों में पांच पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड होंगी, जिनमें से चार राम व एक हनुमान जी को समर्पित रहेगी। इसमें 3-डी, 5-डी व 7-डी तकनीक के आधार पर जीवनवृत्तों का प्रसारण होगा। इनके अतिरिक्त ट्रस्ट की ओर से एक प्रोजेक्ट पुष्पक विमान का भी था।

    इसके अंतर्गत विमान में श्रद्धालुओं को सवार करा कर बिना उड़े या चले बैठे-बैठे ही डिजिटली त्रेता युग में पहुंचाना था। इसके लिए एक भक्त की ओर से पुष्पक विमान भी तैयार किया जा रहा था, परंतु इस प्रोजेक्ट को विकसित करने वाली संस्था के विशेषज्ञों ने पर्याप्त ऊंचाई व भार क्षमता कम होने के कारण हाथ खड़े कर दिए हैं।

    सूत्रों ने बताया कि पुष्पक विमान अधिक स्थान ले रहा था और अधिक कंपन (बाइव्रेशन) होने से पुराने परिसर को खतरा रहता, इसलिए इसे स्थगित कर परिवर्तन कर देना पड़ा। अब इमर्सिंग शो के माध्यम से विमान के स्थान पर नाव या किसी विशेष वाहन पर श्रद्धालुओं को बैठा कर त्रेता युग के आभासी लोक की सैर करा कर भगवान राम के मर्यादित जीवन से जुड़े आदर्शों को प्रदर्शित किया जाएगा।

    संग्रहालय को अप्रैल में खोलने की तैयारी

    यद्यपि संग्रहालय में अभी लगभग सभी वीथिकाओं को तैयार किया जाना है। इन पर तेजी से कार्य भी चल रहा है, परंतु समस्त सिविल कार्य संपन्न हो जाने से संभावना जताई जा रही कि शेष कार्य लगभग छह माह में संपन्न हो जाएंगे।

    इसी कारण गत दिनों समीक्षा के उपरांत मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने संग्रहालय को अप्रैल माह से दर्शनार्थ खोल देने की घोषणा कर दी है।