पर्यटन मंत्री ने ध्वज लहराकर शोभायात्रा को किया रवाना, ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरके लोग
रविवार को अयोध्या में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने साकेत महाविद्यालय से जय श्रीराम का ध्वज लहराकर और ढोल-नगाड़ों के साथ दीपोत्सव-2025 की भव्य शोभायात्रा को रवाना किया। रामायण पर आधारित यह शोभायात्रा ‘त्रेता युग’ की झलक के साथ भक्ति, लोकनृत्य और सांस्कृतिक उत्साह का प्रतीक बनी।
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पुष्पक विमान पर विराजमान भगवान माता सीता सहित श्रीराम के स्वरूपों का रथ खींचते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय, प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान, मंत्री सतीश चंद्र शर्मा व अन्य। जागरण
जागरण संवाददाता, अयोध्या। भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में रविवार को भक्ति, संस्कृति और भव्यता का अनूठा संगम देखने को मिला, जब पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने साकेत महाविद्यालय परिसर में जय श्रीराम का ध्वज लहराते हुए और ढोल-नगाड़े बजाकर रामायण पर आधारित भव्य शोभायात्रा को रवाना किया। दीपोत्सव-2025 की यह शोभायात्रा ‘त्रेता युग’ की झलक प्रस्तुत करती हुई श्रद्धा, लोकनृत्य और सांस्कृतिक उत्साह का अद्भुत उदाहरण बनी।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में दीपोत्सव का हर संस्करण स्वयं का रिकार्ड तोड़ते हुए आस्था और भव्यता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस वर्ष का दीपोत्सव केवल दिव्यता का उत्सव नहीं, बल्कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का सशक्त प्रतीक भी है, जो सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सौहार्द का संदेश देता है। झांकियों में मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत अभियान के संदेशों को भी दर्शाया गया है, जो हर नागरिक को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।
कहां पहुंची शोभायात्रा?
साकेत महाविद्यालय से प्रारंभ होकर रामकथा पार्क तक पहुंची इस शोभायात्रा में रामायण के सातों कांड- बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड, को जीवंत करती 22 आकर्षक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया। देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने मयूर, बढ़वां, देहड़िया, धोबिया और अन्य लोकनृत्यों के माध्यम से माहौल को उल्लासमय बना दिया, जबकि श्रद्धालुओं ने मार्ग भर पुष्पवर्षा और दीपदान कर रामपथ को आस्था और प्रकाश से आलोकित कर दिया।
प्रयागराज से आए दर्शक आयुष सिंह ने कहा, इस शोभायात्रा ने भारत की विविधता में एकता का जीवंत दर्शन कराया। हर झांकी और हर नृत्य ने श्रीराम के शाश्वत आदर्शों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को प्रदर्शित किया।
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