राम मंदिर के पूरक मंदिरों व सप्तमंडपों में ई-कार्ट से जा सकेंगे श्रद्धालु, 26 नवंबर से सेवा शुरू
अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 26 नवंबर से श्रद्धालुओं के लिए ई-कार्ट सेवा शुरू करने जा रहा है। यह सुविधा राम मंदिर परिसर के सात पूरक मंदिरों, सप्तमंडपों और कुबेर टीले तक जाने के लिए होगी। शुरुआती दिनों में यह सुविधा केवल पास धारकों के लिए उपलब्ध होगी। ट्रस्ट का उद्देश्य है कि श्रद्धालु कम समय में दर्शन कर सकें और परिसर में भीड़ कम हो।

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर के सात पूरक मंदिरों, सप्तमंडपों व कुबेर टीले पर दर्शन के लिए श्रद्धालु ई-कार्ट के माध्यम से जा सकेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से ध्वजारोहण समारोह के अगले दिन 26 नवंबर से दर्शन प्रारंभ कराने की योजना बनाई गई है।
दर्शन शुरू होने पर श्रद्धालुओं को परिसर में अधिक समय न व्यतीत करना पड़े, अधिक पैदल न चलना पड़े और अनावश्यक भीड़ न लगे, इसके लिए ट्रस्ट की ओर से ई-कार्ट उपलब्ध कराई जाएगी।
शुरुआती दिनों में पूरक मंदिरों में पास के आधार पर दर्शन होगा, इस कारण पासधारकों को ही यह सुविधा मिलेगी। दर्शन प्लान तैयार हो गया है, शीघ्र ही यह सार्वजनिक किया जाएगा।
राम मंदिर सहित सभी सात पूरक मंदिरों, सप्तर्षि मंदिरों और परकोटे का संपूर्ण कार्य लगभग समाप्त हो गया है। अब अंतिम चरण में फिनिशिंग, सफाई व हरियाली विकास से संबंधित कार्यों को पूरा किया जा रहा है। इन मंदिरों पर 25 नवंबर को धर्म ध्वजा का आरोहण होगा।
इस वृहद उत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व आरएसएस प्रमुख डा. मोहन भागवत सहित अन्य अतिथियों की भी उपस्थिति होगी। उत्सव की पूर्णता के पश्चात ट्रस्ट ने 26 नवंबर से सात पूरक मंदिरों (भगवान शंकर, भगवान गणेश, भगवान सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, हनुमान व शेषावतार लक्ष्मण जी) और रामायणकालीन सप्तर्षियों (महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व माता अहिल्या) के मंदिरों में दर्शन शुरू करने की घोषणा कर रखी है।
मंदिरों के साथ श्रद्धालु अतिप्राचीन कुबेर टीले पर भी दर्शन के लिए जा सकेंगे। अभी अति विशिष्टजनों को ही इसकी अनुमति है। उन्हें ई-कार्ट (इलेक्ट्रिक वाहन) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही। वस्तुत: परिसर में निर्मित परकोटा लगभग आठ सौ मीटर लंबा है।
इसी के मध्य छह देवी-देवताओं के मंदिर बने हैं। परकोटे की परिधि के बाहर दक्षिण-पश्चिम दिशा में सप्तमंडपों व शेषावतार मंदिर का निर्माण हुआ है और इसके पश्चिम में कुबेर टीला स्थित है। यदि श्रद्धालुओं को पैदल ही दर्शन व भ्रमण की अनुमति दी जाती है तो अधिक समय लगेगा और उन्हें काफी दूरी पैदल भी तय करनी पड़ेगी।
इसी कारण ट्रस्ट ने ई-कार्ट उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना है कि यह सुविधा केवल विशिष्टजनों को ही मिलेगी या सभी श्रद्धालुओं को। राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने बताया कि पूरक मंदिरों में दर्शन शुरू किए जाने से पहले पूरा प्लान सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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