Ayodhya Ram Mandir: शुभ मुहूर्त में शीघ्र ही होगा उप मंदिरों के शिखर पर ध्वजारोहण
Ayodhya Ram Mandir: ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरि बुधवार को अयोध्या पहुंचे हैं। उनके इस प्रवास में इन शिखरों पर ध्वजा फहराने संबंधित निर्णय किया जा सकता है ताकि औपचारिकता पूरी कर इन ध्वजों को फहराया जा सके।

उप मंदिरों के शिखर पर सज्जित किया जा सकता है ध्वज
जागरण संवाददाता, अयोध्या : रामनगरी में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण के बाद अब परिसर के उप मंदिरों के शिखरों पर ध्वज फहराने की तिथि को लेकर कौतूहल बढ़ता जा रहा है। उप मंदिरों पर फहराए जाने वाले ध्वजों का पूजन मुख्य शिखर के ध्वज के साथ किया जा चुका है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य उप मंदिरों मंदिरों पर ध्वजारोहण के लिए आपस में विचार विमर्श कर नई तिथि तय करेंगे। हालांकि यह तिथि कब तय होगी, इसका पता नहीं है, लेकिन ट्रस्ट सूत्र बताते हैं ये ध्वज अति शीघ्र ही फहराए जाएंगे। ध्वजारोहण से पहले इन शिखरों पर ध्वजा फहराने का ट्रायल किया जाना प्रस्तावित है ताकि आसानी से ध्वज शिखरों पर पहुंचाया जा सके। यह दायित्व कार्यदायी संस्था को सौंपा गया है।
इसी सिलसिले में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरि बुधवार को अयोध्या पहुंचे हैं। उनके इस प्रवास में इन शिखरों पर ध्वजा फहराने संबंधित निर्णय किया जा सकता है ताकि औपचारिकता पूरी कर इन ध्वजों को फहराया जा सके। ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताते हैं कि अन्य ट्रस्टियों से चर्चा करके ही इस बारे में कुछ बताया जा सकता है। ट्रस्ट महासचिव चंपतराय इसको लेकर गंभीर हैं। उनके एक करीबी का कहना है कि ध्वजारोहण उत्सव संपन्न होने के बाद से ही इस बारे में विमर्श चल रहा है।
मंदिर व्यवस्था प्रमुख विहिप नेता गोपाल राव भी कहते हैं कि शीघ्र ही ध्वज फहराए जाएंगे। राम मंदिर के चारों ओर भिन्न-भिन्न कोणों में क्रमश: भगवान सूर्य, हनुमान, गणेश, शिव, शेषावतार, माता अन्नपूर्णा व भगवती दुर्गा के उप मंदिर हैं। ये सभी शिखर भी मुख्य शिखर की तरह ही स्वर्णमंडित हैं। सभी प्रतिमाएं जयपुर से निर्मित हुई हैं जबकि शिवलिंग दक्षिण भारत के ब्लैक स्टोन से बना है। सभी मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। इन सभी मंदिरों में दर्शन शुरू होने के लिए अभी भक्त प्रतीक्षा कर रहे हैं। वैदिक आचार्य संजय शास्त्री कहते हैं कि किसी भी मंदिर के शिखर पर शुभ अथवा अभिजित मुहूर्त में ही ध्वजारोहण किया जा जाना चाहिए।

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