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    Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम मंदिर में परकोटे की दो दिशाओं में सीढ़ियों का निर्माण पूरा, जल्द शुरू होगा शेष कार्य

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 05:21 PM (IST)

    Ayodhya Ram Mandir Construction रामजन्मभूमि परिसर को एक सूत्र में बांधने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 780 मीटर लंबे परकोटे का निर्माण कराया है। परकोटे का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अब केवल 80 हजार घनफीट शिलाओं का प्रयोग शेष रह गया है। इसमें कुल साढ़े आठ लाख घनफीट शिलाएं लगनी थीं जिसमें से सात लाख 70 हजार घनफीट पत्थरों को लगाया जा चुका है।

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    परकोटे की दो दिशाओं में सीढ़ियों का निर्माण पूरा, जल्द शुरू होगा अवशेष कार्य

    लवलेश कुमार मिश्र, जागरण अयोध्या : श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्मित हो रहे परकोटे की दो दिशाओं में सीढ़ियों का निर्माण भी पूरा हो गया है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सीढ़ियों का निर्माण परकोटे के भूमिगत हिस्से से श्रद्धालुओं को ऊपर आने के लिए कराया है।

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    यही सीढ़ियां परकोटे के भीतर से दर्शनार्थियों व परिक्रमार्थियों को अलग-अलग मार्ग से बाहर निकालेंगी। दूसरी ओर, सीढ़ियां बन जाने और राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाने के उपरांत टावर क्रेन के हटने पर अब परकोटे के अवशेष हिस्से का निर्माण शुरू होने जा रहा है।

    लगभग 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर को एक सूत्र में बांधने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 780 मीटर लंबे परकोटे का निर्माण कराया है। परकोटे का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अब केवल 80 हजार घनफीट शिलाओं का प्रयोग शेष रह गया है। इसमें कुल साढ़े आठ लाख घनफीट शिलाएं लगनी थीं, जिसमें से सात लाख 70 हजार घनफीट पत्थरों को लगाया जा चुका है।

    रामजन्मभूमि परिसर के उत्तर व दक्षिण दिशा में टावर क्रेन की आवाजाही के लिए थोड़ा निर्माण अवशेष है, इसे जल्द प्रारंभ करने की बात कार्यदायी संस्था की ओर से कही जा रही है। परिसर के इसी परकोटे के मध्य में छह देवी-देवताओं के पूरक मंदिरों का निर्माण कराया गया है।

    इन मंदिरों में पांच जून को प्रतिमाओं की स्थापना हो गई है और पूजा-अर्चना भी प्रारंभ है। हालांकि अभी थोड़ा-बहुत कार्य जारी रहने के कारण इनमें दर्शन की अनुमति नहीं प्रदान की गई है। दर्शन प्रारंभ करने से पहले ट्रस्ट की ओर से मंदिरों के सामने कोर्टयार्ड बनवाया जा रहा है और संपर्क मार्ग का निर्माण हो रहा है।

    इसके साथ परिसर में यत्र-तत्र बिखरे पत्थरों व उनके मलबे को हटवाया जा रहा है, जिससे दर्शनार्थियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। इसी क्रम में परकोटे के उत्तरी व दक्षिणी कोण पर निर्मित शिव व गणेश मंदिर के पीछे सीढ़ियां बनवाई गई हैं। इन सीढ़ियों को परकोटे के भूमिगत मार्ग से जोड़ा गया है।

    आयताकार परकोटे में तीन दिशाओं में भूमिगत मार्ग का निर्माण भी हुआ है, जिसका उपयोग विषम परिस्थिति में किया जाएगा। कार्यदायी संस्था एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि सीढ़ियां बन जाने के बाद अब परकोटे के अवशेष हिस्से का निर्माण शीघ्र शुरू कराया जाएगा। दोनों तरफ लगभग 15-20 फीट हिस्से का निर्माण होना है।