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    अयोध्या रामजन्मभूमि के सभी मंदिरों का कार्य हुआ पूरा, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की आधिकारिक घोषणा

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 05:07 PM (IST)

    अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सभी मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसकी घोषणा की। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी बन चुके हैं। जल्द ही प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।

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    रामजन्मभूमि के सभी मंदिरों का कार्य पूर्ण।

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में पिछले साढ़े चार वर्षों से चल रहा राम मंदिर सहित सात देवी-देवताओं और सप्तर्षियों के मंदिरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक विज्ञप्ति जारी करके इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी।

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    उन्होंने बताया कि अब परिसर में वही निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनका प्रत्यक्ष रूप से जनता से जुड़ाव नहीं है। जिन कार्यों का सीधा संबंध दर्शनार्थियों की सुविधा या व्यवस्था से है, वह अब शेष नहीं बचे हैं।

    महासचिव चंपत राय ने अपनी विज्ञप्ति में सर्वप्रथम सभी को राम-राम कहते हुए बताया है कि मुख्य मंदिर यानी राम मंदिर के साथ परकोटे के मध्य निर्मित छह देवी-देवताओं (भगवान शंकर, भगवान गणेश, भगवान सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा व हनुमानजी) के मंदिरों और परकोटे से बाहर बने शेषावतार लक्ष्मण जी के मंदिर का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इनके शिखर पर धर्म ध्वजदंड व कलश की भी स्थापना हो चुकी है।

    रामायणकालीन सात ऋषियों-मुनियों (महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी व अहिल्या) और गोस्वामी तुलसीदास जी के मंदिर का भी निर्माण पूर्ण हो गया है। कुबेर टीले के मार्ग पर गिद्धराज जटायु और यात्री सुविधा केंद्र के सम्मुख अंगद टीले पर गिलहरी की प्रतिमा स्थापित हो गई है। जिन कार्यों का सीधा संबंध सुविधा व व्यवस्था से है, उनमें से कोई कार्य अब अपूर्ण नहीं हैं।

    वर्तमान में मानचित्र के अनुसार सड़कें एवं फ्लोरिंग पर पत्थर लगाने का कार्य लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) कंपनी और परिसर में लैंड स्केपिंग व 30 एकड़ में हरियाली विकास का कार्य गतिशील है। जीएमआर कंपनी की ओर से दस एकड़ में तीव्र गति से पंचवटी विकसित की जा रही है। इसमें भांति-भांति के पौधे लगाए जा रहे हैं, जो फलदार, छायादार व औषधीय गुणों से युक्त हैं।

    महासचिव का कहना था कि रामजन्मभूमि परिसर की साढ़े तीन किमी लंबी चहारदीवारी (बाउंड्रीवाल), ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह, सभागार आदि का निर्माण चल रहा है। ये कार्य ध्वजारोहण समारोह के उपरांत भी चलते रहेंगे। चंपतराय ने कहाकि 70 एकड़ के परिसर के निर्माण कार्य की कठिनाइयों को टेलीविजन व अखबार से जान पाना या समझना कठिन है।

    15 जनवरी 2021 से प्रारंभ हुआ था राम मंदिर का निर्माण

    जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण से संंबंधित कार्य 15 जनवरी 2021 को प्रारंभ हुए थे। वैसे तो सुप्रीम कोर्ट से नौ नवंबर 2019 को मंदिर निर्माण के पक्ष में निर्णय आने के पश्चात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया था।

    इससे पूर्व 25 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को अपने सिर पर उठा कर परिसर में ही निर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया था। भूमि पूजन के उपरांत जनवरी 2021 से मंदिर निर्माण के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नींव की खोदाई प्रारंभ कराई थी।