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    Ram Mandir: 15 अक्टूबर से कर सकेंगे जन्मभूमि परिसर के अन्य स्थलों के दर्शन, श्रद्धालुओं को मिलेगी ये सुविधाएं

    अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर के छह मंदिर परकोटा के बाहर के सात मंदिर और कुबेर टीला बनकर तैयार हैं। 15 अक्टूबर से श्रद्धालु रामलला के साथ इन मंदिरों में विराजमान देवताओं के दर्शन कर सकेंगे। वृद्ध और दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगेगी। परिसर में 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण हो रहा है। मंदिर की प्रकाश व्यवस्था के लिए कंपनियां प्रेजेंटेशन दे रही हैं। नवंबर में ध्वजारोहण समारोह होगा।

    By Raghuvar Sharan Edited By: Ashish Mishra Updated: Wed, 20 Aug 2025 10:56 AM (IST)
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    15 अक्टूबर से कर सकेंगे रामजन्मभूमि परिसर के अन्य स्थलों के दर्शन। फाइल फोटो

    संवाद सूत्र, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर स्थित परकोटा के छह मंदिरों और परकोटा के बाहर के सात मंदिरों तथा कुबेर टीला जैसे दर्शनीय स्थल बनकर तैयार हो गए हैं। वहीं, आंतरिक मार्ग तैयार न होने से श्रद्धालु इन स्थलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। श्रद्धालुओं को अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी होगी और 15 अक्टूबर से वह रामलला के साथ इन मंदिरों में विराजे देवताओं का भी दर्शन कर सकेंगे। यह जानकारी रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने दी।

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    वह मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद उससे जुड़ी जानकारी कारसेवकपुरम में पत्रकारों के साथ साझा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वृद्ध व दिव्यांग श्रद्धालु रामलला के दर्शन के बाद प्रथम तल पर प्रतिष्ठित राम दरबार तक भी पहुंच सकें और इसके लिए तीन लिफ्ट लगाने का काम भी सितंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा।

    परकोटा के बाहर शू रैक के लिए बिल्डिंग बन गई है। यहां एक साथ 12 हजार जूता चप्पल रखे जा सकेंगे। ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण हो रहा है।

    उन्होंने बताया कि फसाड लाइटिंग के लिए तीन कंपनियों ने करीब दो घंटे का प्रजेंटेशन दिया है। जिस कंपनी का चयन होगा, उसे सशर्त मंदिर की प्रकाश व्यवस्था को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पांच से 10 साल तक संभालनी होगी।

    उन्होंने बताया कि निर्माण समिति की बैठक तीसरे दिन बुधवार को रामकथा संग्रहालय में होगी। बैठक में संग्रहालय निर्माण पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक नौ सितंबर को मणिरामदास की छावनी में होगी।

    बताया कि नवंबर के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित ध्वजारोहण समारोह की तैयारी की जा रही है, यह 22 जनवरी 2024 को हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पुनरावृत्ति नहीं होगी। समारोह इस बार अयोध्या केंद्रित होगा और इसमें अयोध्या के आसपास के 20 से 25 जिलों के चुनिंदा लोग आमंत्रित किए जाएंगे।