Ayodhya Ram Mandir : रामजन्मभूमि परिसर के वीवीआइपी द्वार का 60 प्रतिशत निर्माण पूर्ण, खड़ा हो गया स्ट्रक्चर
Ayodhya Ram Mandir VVIP Gate कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने द्वार पर 38 स्तंभों का संयोजन पूरा कर लिया गया है। अब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अयोध्या : रामनगरी अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में अति विशिष्टजनों के लिए निर्मित कराए जा रहे भव्य प्रवेश द्वार का लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इसका स्ट्रक्चर खड़ा हो गया है। 34 मीटर चौड़े व 17 मीटर लंबे इस प्रवेश द्वार की ऊंचाई छह मीटर होगी।
कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने द्वार पर 38 स्तंभों का संयोजन पूरा कर लिया गया है। अब इस पर शिखर का निर्माण होना है। इसके बाद गेट लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रवेश व निकास के लिए चार गेट लगाने की योजना है। इसका निर्माण होने के बाद क्रासिंग तीन पर भी प्रवेश द्वार बनेगा। उधर, उत्तरी प्रवेश द्वार भी लगभग बन गया है।
विशिष्ट दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश
जन्मभूमि में लगभग 70 एकड़ के परिसर में वर्तमान में मुख्य प्रवेश द्वार को मिला कर कुल पांच प्रवेश द्वार हैं। हालांकि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से बाहरी सुरक्षा दीवार का निर्माण पूरा हो जाने के पश्चात गेट संख्या-दो को बंद करने की भी योजना है, परंतु अभी इसी के रास्ते विशिष्ट दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।
कोटेश्वर महादेव मंदिर के सम्मुख प्रवेश द्वार का निर्माण लगभग पूरा
रामपथ पर स्थित क्रासिंग-11 पर प्रवेश द्वार का निर्माण जारी होने के कारण क्रासिंग संख्या-तीन को वीवीआइपी द्वार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। बाद में इसके भी निर्माण की योजना प्रस्तावित है। दूसरी ओर, परिसर के उत्तर दिशा में कोटेश्वर महादेव मंदिर के सम्मुख प्रवेश द्वार का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।
नृपेंद्र मिश्र ने जताई थी असंतुष्टि
डिजाइन को लेकर गत दिनों मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की ओर से असंतुष्टि जताने पर कार्यदायी संस्था को परिवर्तन करना पड़ा है, इस वजह से पुन: निर्माण जारी है। क्रासिंग-11 पर वीवीआइपी प्रवेश द्वार का निर्माण करा रहे उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक कैवल्य मिश्र ने बताया कि अभी 40 प्रतिशत कार्य शेष है।
अभियंताओं की निगरानी में श्रमिक नियमित कार्य में जुटे हैं। उम्मीद है कि समस्त निर्माण समय पर पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि शिखर बनने के बाद गेट लगाया जाएगा। यह गेट लोहे का ही होगा। ट्रस्ट की ओर से टाइटेनियम धातु का गेट लगाने की बात उठी जरूर थी, परंतु अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

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