श्रीराम मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्र का बड़ा कदम, अयोध्या में एनएसजी हब को मंजूरी
अयोध्या में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का हब बनने जा रहा है जिससे राम मंदिर की सुरक्षा और भी मजबूत होगी। केंद्र सरकार ने मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। गुप्तारघाट के पास मीरनघाट में आठ एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। यह उत्तर प्रदेश का पहला एनएसजी हब होगा जो आतंकवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। रामनगरी में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का हब बनाने की योजना धरातल पर उतरने वाली है। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि रामनगरी में एनएसजी हब बनाने की आवश्यकता केंद्र सरकार को कैसे और कब महसूस हुई।
सनातन आस्था के सबसे बड़े केंद्र श्रीराम मंदिर को ध्यान में रख कर यहां लगातार सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। मंदिर निर्माण के साथ ही केंद्र सरकार ने यहां एनएसजी हब बनाने की रणनीति तय कर ली थी। सीआइएसएफ की ओर से किए गए राम मंदिर के सिक्योरिटी आडिट में भी भविष्य के आतंकी खतरों से निपटने के लिए आधुनिक शस्त्रों से लैस एक दुर्जेय बल की यहां तैनाती का सुझाव सम्मिलित था।
एनएसजी हब बनाने के लिए शुरू हुई भूमि की तलाश गुप्तारघाट के पास आकर पूरी हुई। यह उत्तर प्रदेश का पहला एनएसजी हब होगा। गुप्तारघाट के किनारे मीरनघाट में आठ एकड़ भूमि इसके लिए चिह्नित कर ली गई है। यह स्थान सैन्य क्षेत्र में पड़ता है, जो सेना की डोगरा रेजीमेंट का मुख्यालय है।
राम मंदिर सहित यहां एयरपोर्ट और डोगरा रेजीमेंट का मुख्यालय भी है। इसलिए हब को ऐसे स्थान पर बनाने की रणनीति तय की गई, जहां से तीनों प्रमुख केंद्रों तक एनएसजी कमांडो शीघ्र पहुंच सकेंगे। योगी कैबिनेट में स्वीकृति मिलने के बाद अब जल्द ही यहां अन्य गतिविधियां शुरू होंगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो आतंकवाद से लड़ने और हाई-प्रोफाइल आपरेशन में हिस्सा लेते हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े जानकार बताते हैं कि अयोध्याधाम में एनएसजी का हब बना कर केंद्र सरकार ने रामनगरी के साथ-साथ मथुरा, काशी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने का तानाबाना तैयार किया है। एनएसजी का हब चेन्नई, मानेसर (हरियाणा) में है। पालम नगर व मुंबई में भी इसकी एक-एक छोटी इकाई है।
सेंटर से बड़ा होता है हब का स्वरूप
रामनगरी में एनएसजी हब का बनाना सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा निर्णय है। हब का स्वरूप सेंटर से काफी विस्तृत होता है। सेंटर वह स्थान होता हैं, जहां कमांडो की टोली तैनात रहती है, जबकि हब में प्रशिक्षण, संसाधनों सहित अन्य गतिविधियां व व्यवस्थाएं होती हैं। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि रामनगरी में आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए संकटमोचक भी तैयार होंगे।
एनएसजी के साहसिक आपरेशन
एनएसजी का उपयोग विभिन्न आतंकवादी हमलों और बड़ी घटनाओं से निपटने के लिए किया गया है। वर्ष 1986 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आपरेशन ब्लैक थंडर, 1991 में बड़ौदा में एक घर में छुपे आतंकवादियों से निपटने के लिए आपरेशन एनी बेन, 1994 में अमृतसर हवाई अड्डे पर विमान के अपहरण में आपरेशन अश्वमेध, 2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हमला और 2008 में मुंबई हमलों व जम्मू में रघुनाथ मंदिर पर हमले के दौरान एनएसजी कमांडो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रामनगरी में राम मंदिर के भूमि पूजन, प्राण प्रतिष्ठा व दीपोत्सव सहित अन्य प्रमुख धार्मिक अवसरों पर आवश्यकता पड़ने पर एनएसजी का सहयोग लिया जाता रहा है।
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