Ram Mandir: राम मंदिर परिसर में दो-तीन घंटे रुक सकेंगे श्रद्धालु, दूर होगी शिकायत
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के लिए एक नई सुविधा शुरू होने जा रही है। अब श्रद्धालु परिसर में दो-तीन घंटे तक रुक सकेंगे और राम मंदिर के अतिरिक्त 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में बने सभी पूरक मंदिरों मंडपों कुबेर टीला और पंचवटी का दर्शन कर सकेंगे। मंदिर निर्माण समिति के इस सुझाव पर ट्रस्ट विचार कर रहा है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामलला की गत वर्ष 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही रामजन्मभूमि परिसर में न रुक पाने की शिकायत सामने आई। इस वर्ष के अंत तक यह शिकार दूर हो सकती है और श्रद्धालु रामजन्मभूमि परिसर में दो-तीन घंटे तक रुक सकते हैं।
मंदिर निर्माण समिति के इस सुझाव पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सकारात्मक होकर विचार कर रहा है। यदि परिसर की हाई सिक्योरिटी से जुड़ी व्यवस्था आड़े नहीं आई, तो श्रद्धालुओं को यह सुविधा-स्वतंत्रता मिलनी तय है।
यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन के बाद साझा की। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए श्रद्धालुओं को परिसर के अन्य दर्शनीय केंद्रों पर जूता-चप्पल पहनकर जाने की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि समय की बचत के साथ श्रद्धालु सुविधापूर्वक आगे बढ़ सकें।
श्रद्धालु पहले जूता उतारकर रामलला के मुख्य मंदिर में जाएंगे और वहां से वापस हो अपना जूता-चप्पल पहन कर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि हम सभी राम मंदिर के अतिरिक्त श्रद्धालुओं को 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में निर्मित सभी पूरक मंदिरों, मंडपों, कुबेर टीला तथा पंचवटी तक ले जाना चाहते हैं और इसके लिए समय की जरूरत होगी। ताकि वे 20 एकड़ में ग्रीन जोन के रूप में विकसित पंचवटी का भी आनंद ले सकें।
पंचवटी में छायादार पौधों के साथ रामायणकालीन पौधों की प्रमुखता होगी। बैठक में राम मंदिर के लोअर प्लिंथ तथा परकोटा की प्लिंथ पर लगाए जाने वाले म्यूरल्स के साथ उनका कैप्शन (प्रसंग परिचय) लिखे जाने पर विचार किया गया। यह दो सौ के करीब म्यूरल्स रामकथा के विविध प्रसंगो के होंगे।
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