अयोध्या में 2006 में हुए एक सड़क हादसे जिसमें एक सूमो और रोडवेज बस की टक्कर में कई लोगों की जान चली गई थी के मामले में बस चालक प्रभाकर शुक्ल को न्यायालय ने 22 साल बाद दोषमुक्त कर दिया है। न्यायालय ने यह फैसला सबूतों की कमी और गवाहों के विरोधाभासी बयानों को ध्यान में रखते हुए सुनाया।
संवाद सूत्र, अयोध्या। महाराष्ट्र से अयोध्या में दर्शन के लिए आ रहे सवारी वाहन सूमो कार की रोडवेज बस से टक्कर के मामले में आरोपित बस चालक प्रभाकर शुक्ल को न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 22 साल बाद दोषमुक्त कर दिया है। यह आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय प्रत्यूष आनंद मिश्र ने पत्रावली में मौजूद गवाहों के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए दिया है।
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घटना में सूमो कार चालक रमेश सिंह व महेंद्र त्रिवेदी सहित महाराष्ट्र के एक परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। वादी जितेंद्र कुमार ने तीन जून 2006 को कोतवाली अयोध्या में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि बूथ नंबर चार तकपुरा ओवरब्रिज के पास एक रोडवेज बस से फैजाबाद की ओर से आ रही टाटा सूमो कार की टक्कर हो गई। जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
घटना में घायल दो घायलों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। आरोपित प्रभाकर शुक्ल के अधिवक्ता दीपक कुमार श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि आरोपित बस चालक पूरी सावधानी के साथ अपनी ही दिशा में मध्यम गति से बस को चला रहा था, जबकि कार चालक गलत दिशा से तीव्र गति से आ रहा था। घटना के सभी गवाहों का बयान अभियोजन से मेल नहीं खा रहा है।
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