देश की पहली सोलर सिटी के रूप में स्थापित हुई रामनगरी, 250 मिलियन यूनिट का हो रहा उत्पादन
अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन गई है। यहां 250 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह शहर नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरण के ...और पढ़ें
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देश की पहली सोलर सिटी के रूप में स्थापित हुई रामनगरी।
नवनीत श्रीवास्तव, अयोध्या। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही है। इसके साथ ही अयोध्या देश भर को ऊर्जा बचत का संदेश दे रही है। जिला प्रशासन ने 165 हेक्टेयर भूमि एनटीपीसी को सोलर प्लांट की स्थापना के लिए लीज पर फ्री उपलब्ध कराई है, जिसकी क्षमता 40 मेगावाट की है। लीज पर दी गई सार्वजनिक भूमि सरयू नदी के किनारे माझा रामपुर हलवारा में है। इस सोलर प्लांट से प्रतिदिन 250 मिलियन यूनिट का उत्पादन होने लगा है।
सोलर प्लांट से तैयार बिजली ग्रिड के माध्यम से दर्शननगर उपकेंद्र सप्लाई की जाती है, वहां से जिले को आपूर्ति की जाती है। रविवार को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर यह जानना भी रोचक है कि रामनगरी में कितने लोगों ने पीएम सूर्यघर योजना में अपने घरों में सोलर प्लांट लगवाए हैं।
बिजली की बढ़ती आवश्यकता के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने पीएम सूर्यघर योजना शुरू की थी। जिले में अब तक तीन हजार 475 लोगों ने अपने घरों में सोलर पैनल लगवाए हैं, जबकि सात हजार 808 लोगों ने सोलर प्लांट के लिए पंजीकरण कराया है। एक किलोवाट के रूफ टाप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन चार-पांच यूनिट बिजली का उत्पादन होता है।
सोलर रूफ टाप संयंत्र की स्थापना के लिए प्रति किलोवाट 10 वर्ग मीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। संयंत्र से उत्पादित बिजली विद्युत ग्रिड में चली जाती है। इसकी नेट मीटरिंग की बिल में संबंधित डिस्काम से समायोजन किया जाता है।
उपभोक्ता को सोलर संयंत्र की स्थापना में व्यय की गई धनराशि की प्रतिपूर्ति बिल की बचत के रूप में तीन से चार वर्ष में हो जाती है।
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पीएमसूर्यघर डाट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। सोलर संयंत्र की स्थापना के लिए बैंक से ऋण भी उपलब्ध है। इसके लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है।

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