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    Ayodhya: मरीजों की भीड़ को संभालने में डॉक्टरों के छूट रहे पसीने, पर्ची में देरी से रोगियों को हो रही परेशानी

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 05:01 AM (IST)

    अयोध्या के अस्पताल में सोमवार को मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी। पंजीकरण काउंटर पर आभा आईडी से पर्ची बनवाने के लिए ओटीपी में देरी होने से मरीजों को परेशानी हुई। कई मरीजों ने इसकी शिकायत भी की। बुखार और संक्रामक बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण इलाज में भी देरी हो रही है।

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    मरीजों को संभालने में कर्मचारी और चिकित्सकों के छूटा पसीना। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, अयोध्या। सोमवार को अस्पताल खुलने पर काफी संख्या में रोगियों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनको संभालने में चिकित्सक से लेकर कर्मचारियों तक को पसीना छूटता रहा। पंजीकरण काउंटर पर आभा आईडी से पर्चा के लिए आने वाली ओटीपी की देरी से रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे काउंटर के सामने रोगियों और कर्मचारियों के बीच कहासुनी होती रही।

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    वहीं, कई रोगियों ने तो प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय पहुंच कर शिकायत दर्ज कराते हुए समाधान की मांग की, लेकिन कोई हल न निकलने से रोगियों को घंटों लाइन में खड़े रह कर इंतजार करना मजबूरी बनी रही।

    जिले के अस्पतालों में संदिग्ध बुखार और संक्रामक बीमारियों से ग्रसित रोगियों की भरमार है। रोगियों से वार्ड भरे हैं। यही वजह है कि सुबह से अस्पताल में पहुंचने के बाद भी राेगियों को एक दिन में उपचार और जांच नहीं उपलब्ध हो पा रही।

    अस्पताल के पंजीकरण काउंटर के सामने लगी लाइनों में खड़े नेतवारी के रामसुभावन, शहर के बेनीगंज की रेखा, देवकाली की प्रियंका पांडेय, मसौधा के मो. रियाज आदि व्यवस्था को लेकर काफी नाराज दिखे। आराेप लगाया कि आभा आईडी से पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर ओटीपी लेट आ रहा है और आने पर वह सिर्फ 15 सेकेंड के लिए ही मान्य होता है।

    ऐसे में भीड़ के चलते इस समय में बताना और कर्मचारियों को समझने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे 15 सेकेंड निकल जाने से दोबारा ओटीपी के लिए आवेदन करना पड़ रहा है।

    इससे काफी समय लग जा रहा है। इसके चलते पहले पर्चा फिर ओपीडी और जांच में समय निकल जाने से रिपोर्ट दूसरे दिन मिलने से चक्कर लगाना पड़ रहा है।

    अस्पताल के दो स्थानों पर संचालित पांच काउंटरों में सिर्फ दो पर ही आभा से पर्चा बनाया जा रहा है, जबकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ही तीन काउंटर सामान्य तौर पर संचालित हैं। एक दिन बंदी के बाद अस्पताल संचालित हाेने पर भीड़ रहती है। आने वाले सभी रोगियों को समय पर उपचार मिल रहा है। -डॉ. अजय सिंह गौतम, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक।