Ayodhya : ध्वजारोहण से पहले रामनगरी में टला बड़ा रेल हादसा, दुर्घटना से बची वाराणसी इंटरसिटी
Ayodhya News: गेट पर तैनात कर्मी ने रेलवे फाटक खुला छोड़ दिया था। खुली क्रासिंग से ट्रैक्टर पार होता देखा ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी, जिससे ट्रेन से ट्रैक्टर टकराने से बच गया।

सालारपुर व सोहावल के बीच गेट नंबर 127
संवाद सूत्र, जागरण, अयोध्या : ध्वजारोहण से पहले रामनगरी में एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। चालक की सतर्कता से वाराणसी इंटरसिटी ट्रेन में सवार यात्रियों की जान सुरक्षित बच गई। गेट पर तैनात कर्मी ने रेलवे फाटक खुला छोड़ दिया था। खुली क्रासिंग से ट्रैक्टर पार होता देखा ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी, जिससे ट्रेन से ट्रैक्टर टकराने से बच गया।
रविवार दोपहर को सालारपुर व सोहावल के बीच गेट नंबर 127 का घटनाक्रम है। ड्यूटी पर तैनात कर्मी अलीम सहित इसके प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है, जिसके चलते ट्रेन में सवार यात्रियों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया था। अलीम की रेलवे में तैनाती ट्रैक मैन के पद पर है, लेकिन उससे गेट मैन का काम लिया जा रहा था।
वह इस कार्य के लिए अधिकृत और न ही उसे इसका प्रशिक्षण प्राप्त है। इसे लेकर रेलवे में हड़कंप मच गया है। परिचालन से जुड़े स्थानीय रेल अधिकारियों की टीम ने जांच भी शुरू करा दी है। 25 नवंबर को यहां राममंदिर में ध्वजारोहण समारोह है, जिसमें प्रधानमंत्री को आना है। ऐसे यह लापरवाही सतर्कता पर कई सवाल खड़े करने वाली है।
घटनाक्रम के अनुसार वाराणसी से लखनऊ को जाने वाले इंटरसिटी रविवार को गेट नंबर 127 पर पहुंचने वाली थी, तभी ट्रेन के चालक शिवाजी ने देखा कि खुली क्रासिंग से ट्रैक्टर गुजर रहा है। चालक ने खतरे को भांपते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दी।
ट्रेन धीमी होते-होते क्रासिंग के पास जाकर ठहर गई। इसके बाद चालक ने इसकी सूचना स्थानीय रेल अधिकारियों को दी। मौके पर अधिकारी पहुंच जांच शुरू की। अलीम को इस गलती के लिए एक अधिकारी के क्रोध का भी सामना करना पड़ा। प्रारंभिक जांच में आया है कि नियम विरुद्ध जाकर ट्रैक मैन अलीम की ड्यूटी गेट मैन के रूप में लगाई थी।
उसके पास गेट मैन का व्यवहारिक प्रशिक्षण भी नहीं है। एक रेल अधिकारी ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। लोको पायलट का यात्री सुरक्षा की दृष्टि से सराहनीय कार्य है।

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