Ayodhya News: इन नायकों के नाम पर होंगे राम मंदिर के चारों प्रवेश द्वार, आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका
अयोध्या धाम में चतुर्दिशाओं से पहुंचने वाले मार्गों पर प्रस्तावित प्रवेश द्वारों के नाम इतिहास प्रसिद्ध प्रमुख साधु संतों के नाम पर रखे जाएंगे। अभी इन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर राम मंदिर के सभी चारों प्रमुख प्रवेश द्वार का नाम होगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के सुझाव पर मंदिर निर्माण समिति की बैठक में इस संबंध में सहमति बन गई है। जल्द ही विचार-विमर्श के उपरांत नामकरण किया जाएगा। शनिवार को यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में दी।
इसके अलावा परिसर में चल रहे निर्माण का निरीक्षण और बैठक की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, कार्यदायी एजेंसियों के अधिकारियों व अभियंताओं के साथ बैठक में बारी-बारी से प्रत्येक मंदिर के निर्माण की प्रगति की जानकारी की गई और अवशेष कार्यों के संबंध में जानकारी लेकर अनुमानित समयावधि तय की गई।
60 प्रतिशत हुआ काम
अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में बन रहे परकोटे में अब केवल तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना है। कुल 8 लाख 40 हजार क्यूबिक फीट पत्थर लगने थे। इस तरह 60 प्रतिशत कार्य हो चुका है। कार्य को देखते हुए माना जा रहा कि जून 2025 तक परकोटा और इसमें बन रहे छह मंदिरों का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
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पुष्करिणी सरोवर पर शुरू हो गया काम
इसके अलावा उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्रथम व द्वितीय तल की फिनिशिंग चल रही है। प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। जनवरी के प्रथम सप्ताह में जयपुर में बन रहीं सभी मूर्तियों का अंतिम निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सप्तर्षियों के मंदिरों के मध्य बनने वाले पुष्करिणी सरोवर पर काम शुरू हो गया है। ड्राइंग-डिजाइन पर चर्चा हो गई है। अन्य मंदिरों का कार्य भी तेजी से चल रहा है।
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बैठक में ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य डा. अनिल मिश्र, राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, टाटा कंसल्टेंसी के परियोजना निदेशक वीके शुक्ल, एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता समेत कई लोग मौजूद रहे।
‘मनमोहन सिंह ने रखी थी विकसित भारत की आधारशिला’
पूर्व आइएएस अधिकारी व मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने विकसित भारत की आधारशिला 1991 में ही रख दी थी। मैंने उनके अधीन कार्य किया है। हम लोग जो कहते हैं कि वर्ष 2047 तक हमारी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी, हम विकसित देश होंगे, इसकी आधारशिला निश्चित रूप से वित्त मंत्री रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति अपनी शोक संवेदना भी जताई।

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