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Ram Mandir: अब रामलला की रोजाना होने लगी 6 आरती, दोपहर में थोड़ी देर के लिए बंद होंगे कपाट; टाइमिंग में बदलाव

अर्चकों का कहना है कि श्रद्धालुओं के दबाव को देखते हुए अभी 30 मिनट का विश्राम ही भगवान कर रहे हैँ आगे वह एक घंटे तक विश्राम करेंगे। जब दोपहर एक बजे भगवान का जागरण कराया गया तो उनकी उत्थापन आरती की गई। इसके साथ ही रामलला का दर्शन पुन प्रारंभ हो जाता है। शाम काे संध्या व रात्रि दस बजे में भोग लगाकर शयन आरती की जाती है।

By Nitesh Srivastava Edited By: Nitesh Srivastava Published: Wed, 21 Feb 2024 05:01 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2024 05:01 PM (IST)
Ram Mandir: अब रामलला की रोजाना होने लगी 6 आरती

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। रामलला की आरती पूजा पद्धति को व्यवस्थित किए जाने के बीच ही अब रामलला की नित्य छह आरती का क्रम भी प्रारंभ हो गया। साथ ही नित्य दोपहर रामलला 30 मिनट विश्राम भी करने लगे हैं। पहले सुबह सात बजे से रात्रि दस बजे तक रामलला श्रद्धालुओं को रामलला दर्शन देते थे, लेकिन इसमें भी परिवर्तन हो गया है।

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दर्शन सुबह साढ़े छह बजे से शुरू होता हैँ। दोपहर 12 बजे से रामलला की राजभोग आरती होती है। मंगलवार को भी दोपहर रामलला को भोग लगाकर उनकी आरती हुई। इसके बाद पट एक बजे तक के लिए बंद कर दिया गया। इसी मध्य भगवान ने शयन किया।

अर्चकों का कहना है कि श्रद्धालुओं के दबाव को देखते हुए अभी 30 मिनट का विश्राम ही भगवान कर रहे हैँ, आगे वह एक घंटे तक विश्राम करेंगे। जब दोपहर एक बजे भगवान का जागरण कराया गया तो उनकी उत्थापन आरती की गई। इसके साथ ही रामलला का दर्शन पुन: प्रारंभ हो जाता है। शाम काे संध्या व रात्रि दस बजे में भोग लगाकर शयन आरती की जाती है।

महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण कहते हैं कि रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन छह आरती का विधान है। उत्थापन आरती पुजारी करते हैं। फिर रामलला के दर्शन के लिए पर्दा खोला जाता है। दूसरी ओर दर्शनार्थियों को रामलला की मंगला, श्रृंगार के साथ ही शयन आरती में शामिल होने का मौका है, पास के बाद इन्हें प्रवेश की अनुमति मिलती है।

रामलला ने भी किया फलाहार

व्यवस्था से जुड़े अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एकादशी होने के कारण रामलला काे फलाहार कराया गया। बाल भोग में रबड़ी, पेड़ा, ड्राईफ्रूट आदि का भोग लगा। दिन के राजभोग में प्रसाद में उपयोग किए जाने वाले पकवान का भोग लगा। अर्चक ने बताया कि एकादशी को अन्न का भोग नहीं लगाया जाता।


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