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    Auraiya: 'वो हमारी बात नहीं मनती थी', प्रियंका के स्वजन बोले- प्रेमी को मिलनी चाहिए फांसी, राष्ट्रपति से करेंगे मांग

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 05:42 PM (IST)

    27 जून 2024 को फफूंद के तालेपुर में तीन बच्चों की हत्या के मामले में अदालत ने मां प्रियंका को फांसी और उसके प्रेमी आशीष को उम्रकैद की सजा सुनाई। ग्राम ...और पढ़ें

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    इटावा के लिए भी) आरोपित प्रियंका के स्वजन बोले फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए, राष्ट्रपति से करेंगे मांग

    संवाद सूत्र, फफूंद।  27 जून 2024 को तीन मासूमों को गांव तालेपुर से गुजरी सेंगुर नदी में डुबोकर मारने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तृतीय के न्यायाधीश सैफ अहमद ने बुधवार को मां प्रियंका को फांसी और चचेरे प्रेमी देवर आशीष को उम्रकैद फांसी की सजा सुनाई।

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    फांसी की सजा पर स्वजन का कहना है कि प्रेमी को फांसी होनी चाहिए। जिसकी बजह से यह सब हुआ था। प्रियंका को फांसी नहीं होनी चाहिए थी। उसकी फांसी की सजा माफ करने के लिए राष्ट्रपति के समक्ष याचिका लगाएंगे।

    सजा सुनाने के बाद बुधवार दोपहर दैनिक जागरण की टीम आरोपित प्रियंका के गांव फफूंद थाना क्षेत्र के बरौआ पहुंची, जहां वह रहती थी। गांव में घुसते ही लोग इसी मामले की चर्चा करते नजर आए। आरोपी प्रियंका के घर पहुंचे तो भीड़ लगी हुई थी। सबके चेहरे में चिंता की लकीरें थी।

    बोल रहे थे, जिसने जैसा किया, वह वैसा भर रहा है। ग्रामीण पिछले साल ही हुई घटना को याद कर रहे थे। उनका कहना था कि उसके चचेरे देवर की फांसी सजा होनी चाहिए। आरोपित प्रियंका जिस कमरे में रहती थी। उसमें ताला पड़ा हुआ था।

    लोगों को कहना था कि उसने जैसा किया उसकी सजा मिलनी चाहिए थी। स्वजन का कहा कि प्रियंका को फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए थी। सजा की रोक के लिए हम लोग राष्ट्रपति के समक्ष याचिका लगाएंगे। स्वजन ने बताया कि वह कभी भी इटावा जेल में बंद प्रियंका से मिलने नहीं गए।

    औरैया में पेशी के दौरान मिले थे। तब वह अपने बेटे सोनू से मिलने की बात कहती थी। लेकिन कभी नहीं मिलाया। वह बोलती थी कि उसे पता नहीं चला कि कब बच्चे की मौत हो गई। उसका बेटा सोनू अपनी बुआ ज्योति के साथ इटावा में रहता है।

    मां की मौत के बाद चाची ने पाला पोसा था

    प्रियंका का केबल एक बड़ा भाई पवन था। जिसकी बीमारी के चलते आठ वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। जब वह डेढ़ साल की थी। तब मां कमलेश कुमारी की मौत हो गई थी। चाची गीता देवी ने पाला पोसा था।

    स्वजन ने यह कहा

    प्रियंका से हम लोग औरैया कोर्ट में मिलने गए है। इटावा कभी नहीं मिले हैं। हम लोगों ने जमानत की कोई पैरवी नहीं की है। जैसा हमारी बच्ची ने किया है। उसका फल उसको मिल रहा है। आज हमारे पास पैसा होता तो हम लोग पैरवी कर सकते थे। -प्रमोद कुमार, पिता

    आशीष को फांसी होनी चाहिए थी। उसकी की बजह से उसने यह सब हुआ। पेशी के दौरान प्रियंका ने बताया था कि कि हमको पता न नहीं चला कि कैसे बच्चों की मौत हो गई। प्रियंका पेशी के दौरान कहती थी कि उसे बेटे सोनू से मिलवा दो। लेकिन उसकी नंद ने नहीं मिलने दिया। प्रियंका ऐसा नहीं करना था। बच्चे नहीं पाल पा रही थी। तो हमें दे देती। -गीता देवी, चाची

    हम लोग सरकार से मांग करते है, उसको फांसी की सजा नहीं दी जाए। राष्ट्रपति से फांसी की मांग रोकने के लिए प्रयास करेंगे। यह हम लोगों की बात नहीं मनती थी। जिसके यह सब हुआ है। चाची ने कई बार चोरी छिपे गेहूं व अन्य अनाज दिया। खाना अगर वह नहीं बनाती थी। तो चाची खाना बना कर खुद खिला देती थी -कन्हैयालाल, चाचा

    प्रियंका बहुत अच्छी थी। उसने ऐसा कैसे किया यह हम लोगों को भी नहीं पता है। लेकिन उसके साथ हुआ गलत है। -मीना देवी, पड़ोसी