उम्मीद भरे कदमों से नाप रहीं सफलता की डगर
अर्पित अवस्थी औरैया व्यक्ति यदि ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं हासिल कर सकता। सकारात्मक दिशा मे

अर्पित अवस्थी, औरैया : व्यक्ति यदि ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं हासिल कर सकता। सकारात्मक दिशा में कठोर परिश्रम से सफलता दासी बन जाती है। धाराओं के विपरित तैरकर अपनी मंजिल पाने वाला ही सच्चा विजेता बनता है। समाज के लिए एक मिसाल बनता है। समाज के लिए कुछ ऐसा ही उदाहरण बन रहीं नगर निवासी रीना पांडेय। गरीबी से उबरने की चाह के साथ प्रेरणा मिली तो जनपद की तमाम महिलाएं स्वरोजगार से ऐसे जुड़ी कि अब वह खुद अपने 'पैरों पर खड़ी' हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति संस्था की संचालिका ने ठानी तो धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया। आज 1180 महिलाएं स्वरोजगार कर रही हैं। इसमें नाबार्ड ने भी उन्हें सहायता प्रदान की।
वर्ष 2009 में मूल रूप से कानपुर की निवासी रीना पांडेय ने अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति संस्था की शुरूआत की। आज के हाईटेक जमाने में जिदगी बहुत तेजी से दौड़ रही है। गुरबत से छुटकारा दिलाने एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की उन्होंने ठानी। रीना बताती हैं कि महिलाओं को प्रेरित करने और उन्हें नई दिशा में मोड़ने के लिए मेहनत करनी पड़ी। लेकिन जैसे ही महिलाओं का हौसला बढ़ा, वैसे ही सफलता ने नई इबारत लिखनी शुरू कर दी। समाज व परिवार में घरेलू हिसा का शिकार व घर में बेरोजगार बैठीं महिलाओं को प्रेरित कर रीना ने उनका मनोबल बढ़ाया। अब तक उनके साथ 1180 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। नाबार्ड द्वारा समूहों के माध्यम से समूह बनाए, इसके बाद जो महिलाएं जो काम कर सकती हैं, उस हिसाब से उन्हें रोजगार दिलाया गया। अब वह खुद के खर्चे निकालकर घर का सहयोग कर रही हैं। समूहों द्वारा झाडू बनाना, लिफाफा बनान, डिटर्जेंट पाउडर बनाना, कपड़ों की ट्रेडिग, कास्मेटिक शॉप, जनरल स्टोर, पत्तल, चिप्स व पापड़, आचार व मुरब्बा बनाने का किया जा रहा है। इनसेट -
एनआरएलएम के तहत दिला रहीं रोजगार
औरैया व एरवाकटरा विकासखंड में रीना पांडेय महिलाओं को जागरूक कर पढ़ी-लिखी महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रोजगार दिला रहीं हैं। इसके अलावा जो महिलाएं कम पढ़ी-लिखी हैं, उन्हें जैविक खेती के बारे में जानकारी दे रही हैं। वह फूल व सब्जी की खेती कर अपनी आय को दो गुना कर रही हैं। कई महिलाएं डेयरी चलाकर अच्छी खासी आमदनी कर रही हैं। इनसेट -
पशु पालन से जोड़ने की कर रहीं कवायद
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए रीना पांडेय उन्हें पशु पालन से स्वरोजगार दिलाने का काम कर रही है। इसके लिए महिलाओं को फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है। स्वरोजगार से जुड़े समूह - 100
समूहों में जुड़ी महिलाएं - 1180
नए बने समूह - 450

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