ेऔरैया का सिद्धेश्वर नाथ मंदिर
मंदिर जागरण संवाददाता औरैया फफूंद-ककोर मार्ग पर सिद्धेश्वर महादेव धाम के नाम से मंदिर स्

मंदिर जागरण संवाददाता, औरैया: फफूंद-ककोर मार्ग पर सिद्धेश्वर महादेव धाम के नाम से मंदिर स्थापित है। मार्ग के आसपास गांवों में रहने वाले लोगों व यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति की आस्था मंदिर से जुड़ी है। श्रावण मास के अतिरिक्त वर्ष भर ग्रामीण क्षेत्रों के भक्तगण यहां पर पूजा आराधना करने पहुंचते हैं। जनपद के अन्य मंदिरों की तरह यह भी सिद्धपीठ में शुमार है। महापर्व शिवरात्रि, सावन के प्रत्येक सोमवार के अलावा अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं। यहां पर हनुमान जी, मां काली के विग्रह भी स्थापित हैं।
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मंदिर का इतिहास-
करीब 50 वर्ष पुराना मंदिर का निर्माण बताया जाता है। कुआं के ऊपर पिलर देकर बना मंदिर आस्था व शक्ति का प्रतीक माना जा रहा है। प्रति वर्ष हजारों दर्शनार्थी यहां पर पहुंचते हैं। मंदिर सिद्धपीठ में शुमार है। दूर दराज से भक्त मंदिर आते हैं। मान्यता है कि जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी जरूर होती है। मनौती पूरी होने पर श्रीमछ्वागवत, हवन और रुद्राभिषेक आदि कार्यक्रम पूरे वर्ष आयोजित होते हैं।
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विशेषताएं-
शहर व ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के पास ही मंदिर से हर किसी की आस्था जुड़ी हुई है। कोई भी भक्ति शिव दरबार से आज तक निराश नहीं लौटा है। शादी आदि कार्यक्रमों में यहां पर विशेष पूजा अर्चना करने लोग आते हैं। वर्ष भर यहां पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
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व्यवस्थाएं-
अन्य मंदिरों की तरह सिद्धेश्वर महादेव मंदिर सिद्धपीठ में शुमार है। मंदिर में नित्य आरती पूजन होता है। यहां भक्तों की भीड़ हमेशा ही लगी रहती है।
-हरिदास महराज(फोटो-2)
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मंदिर की व्यवस्थाएं के लिए कमेटी गठित है। बड़ी संख्या में लोग यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। पूरे वर्ष यहां पर भक्त धार्मिक आयोजन कराते हैं। -कृपाशंकर शुक्ल (फोटो-3)

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