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    जेल नहीं, अब खुली हवा में सांस लेगा श्याम जाटव

    जागरण संवाददाता, औरैया : मात्र 14 वर्ष की आयु में दस्यु निर्भय ¨सह गुर्जर द्वारा फिरौती के लिए

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 14 May 2018 07:56 PM (IST)
    जेल नहीं, अब खुली हवा में सांस लेगा श्याम जाटव

    जागरण संवाददाता, औरैया : मात्र 14 वर्ष की आयु में दस्यु निर्भय ¨सह गुर्जर द्वारा फिरौती के लिए श्याम जाटव का अपहरण किया गया था। बाद में करीब आठ वर्ष तक उसने गिरोह के लिए कार्य किया। खैर, 14 वर्ष तक कानूनी प्रक्रिया के चलते जेल में निरुद्ध रहने के बाद अब सभी केसों से बरी होकर खुली हवा में सांस ले सकेगा। श्याम जाटव को यह आजादी 10 मई 2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष चल रहे अंतिम केस में बरी हो जाने के बाद मिली।

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    नई दिल्ली के मंगोलपुरी पी 27 निवासी श्याम जाटव (36)उर्फ श्यामा उर्फ श्याम ¨सह पुत्र डालचंद का बुरा समय उस समय शुरू हुआ था। जब 14 मार्च 1996 को उसका अपहरण दुर्दांत दस्यु निर्भय ¨सह गुर्जर गिरोह ने फिरौती के लिए किया। फिरौती की रकम देने में लाचार उसके मां बाप ने श्याम जाटव को अपने हाल पर छोड़ दिया। उस समय उसकी उम्र केवल 14 वर्ष की थी। वह आठ वर्ष तक यानि गैंग के खात्मे तक निर्भय के संरक्षण में बीहड़ में रहा। इस दौरान उस पर कानपुर, उरई, इटावा, औरैया, ¨भड जिलों के करीब 36 मुकदमे दर्ज हुए। 2 नवंबर 2004 को श्याम ने पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण कर जान तो बचा ली, लेकिन खुली हवा में सांस लेने के लिए उसे 14 वर्ष जेल में निरुद्ध रहकर कानूनी प्रक्रिया से जूझना पड़ा। उसके अधिवक्ता फरहत अली खां, भूकेश मिश्र, मो. सगीर, कुरैशी, हिना कौसर का कहना है कि उसके मां बाप की पैरवी से श्याम जाटव सभी 36 मुकदमों में बरी हुआ। साथ ही हत्या के एक मामले में उसे 10 मई 2018 को एडीजे लल्लू ¨सह की कोर्ट से बरी कर दिया गया। इस मामले की कहानी कुछ इस तरह है कि पुलिस ने 17 अप्रैल 2004 को थाना अयाना क्षेत्र के सिहौली ग्राम के बीहड़ में दस्यु निर्भय ¨सह गुर्जर को घेरकर फाय¨रग की। अपने को घिरा देखकर निर्भय गैंग ने एक अपहृत विद्याराम दुबे की गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गया। इस मामले में श्याम जाटव के अलावा नीलम गुप्ता, निर्भय ¨सह गुर्जर, बुद्ध ¨सह उर्फ लाठी वाला व सरला जाटव को भी नामजद किया गया। लेकिन श्याम जाटव की पत्रावली अलग कर मुकदमे का विचारण हुआ। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे ने श्याम जाटव को दोषमुक्त कर दिया। लिखा पढ़ी में जेल में निरुद्ध गैंग में उसके साथ रही सरला जाटव व उसकी पत्नी है। क्योंकि निर्भय गुर्जर ने बीहड़ में श्याम जाटव की शादी सरला जाटव के साथ कर दी थी। लेकिन सरला का बाहर आना बहुत कठिन दिखाई देता है। उसे एक मामले में आजीवन कारावास हो चुकी है। सभी केसों में बरी श्याम जाटव अब अपने मां बाप के पास राजस्थान में अपने घर पर रह रहा है। बताया जा रहा है कि कई फिल्म निर्माता उसे रोल देने का प्रयास कर रहे हैं।