परशुराम-लक्ष्मण संवाद ने दर्शकों का मन मोहा
जागरण टीम औरैया एकता का प्रतीक कस्बा की प्राचीन रामलीला महोत्सव के 151वें अलंकरण में र

जागरण टीम, औरैया: एकता का प्रतीक कस्बा की प्राचीन रामलीला महोत्सव के 151वें अलंकरण में रविवार को सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ और परशुराम-लक्ष्मण संवाद की मनोहारी लीलाओं का मंचन किया गया। जसका पुर्वा गांव में आयोजित रामलीला में पहुंचे फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने राम दरबार की आरती उतारी। वहीं परशुराम-लक्ष्मण संवाद ने दर्शकों का मन मोह लिया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस अलर्ट रही।
रामलीला महोत्सव में रविवार की लीला की शुरुआत सीता स्वयंवर के साथ हुई। दरबार में महाराजा जनक, महर्षि विश्वामित्र के दो शिष्य राम व लक्ष्मण भी मौजूद थे। स्वयंवर में बारी-बारी से राजकुमार व योद्धा भगवान शिव के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास करे थे। लेकिन, कोई भी धनुष को हिला तक नहीं पा रहा था। अंत में महर्षि विश्वामित्र के आदेश पर श्रीराम धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास करते है, तो धनुष टूट जाता है। स्वयंवर में माता सीता वरमाला पहनाकर प्रभु श्रीराम से विवाह करती है। इसके बाद क्रोध में डूबे भगवान परशुराम का आगमन होता है। भगवान शंकर के धनुष टूटने से क्रोधित हुए परशुराम की लक्ष्मण से बहस होती है। श्रीराम विनम्रता पूर्वक उन्हें अपना परिचय 'होइहैं कोई एक दास तुम्हारा' कहते है। जिस पर परशुराम उन्हें पहचान लेते है। जिसके बाद परशुराम माता सीता व प्रभु श्रीराम को आशीर्वाद के साथ लीला का मंचन समाप्त हो जाता है। रामलीला पंडाल में समिति के सदस्य कृपा शंकर शुक्ला, प्रमोद तिवारी, प्रेम गुप्ता, मानवेंद्र पोरवाल, अन्नी तिवारी समेत सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे। विकासखंड भाग्यनगर के गांव जसाका पुर्वा में श्री रामलीला महोत्सव के पहले दिन रविवार को श्री रामजन्म का मंचन किया गया। मुख्य अतिथि फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने भगवान की झांकी की आरती करके लीला का शुभारंभ किया। समिति के अध्यक्ष जगदीश राजपूत ने अतिथियों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इसी प्रकार एरवाकटरा, कुदरकोट,अजीतमल, बिधूना, अछल्दा आदि ब्लाकों में रामलीला आयोजित की गई।
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