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कर्मभूमि को समर्पित की गई क्रांति की शौर्य गाथा

जागरण संवाददता औरैया वर्तमान में तिलक इंटर कॉलेज व स्वतंत्रता आंदोलन के समय एबी हाईस्कू

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 11:32 PM (IST)
कर्मभूमि को समर्पित की  गई क्रांति की शौर्य गाथा
कर्मभूमि को समर्पित की गई क्रांति की शौर्य गाथा

जागरण संवाददता, औरैया: वर्तमान में तिलक इंटर कॉलेज व स्वतंत्रता आंदोलन के समय एबी हाईस्कूल (अब तिलक इंटर कॉलेज) के नाम से प्रसिद्ध शहर स्थित विद्यालय में अध्यापक रहे क्रांतिवीर पंडित गेंदालाल दीक्षित की शौर्य गाथा पर आधारित पुस्तक सोमवार को उनकी कर्मभूमि को समर्पित की गई।

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क्रांति आधारित विषयों पर लेखनी चलाने में सिद्धहस्त शाह आलम की यह कृति क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य की उपाधि से प्रसिद्ध पंडित गेंदालाल दीक्षित पर आधारित है। शहर स्थित क्रांतिवीर दीक्षित जी की प्रतिमा के समक्ष शहर के प्रसिद्ध साहित्यकार ओम नारायण चतुर्वेदी मंजुल के मुख्य आतिथ्य में यह पुस्तक समर्पित की गई। इससे पहले पंडित गेंदालाल दीक्षित की प्रतिमा पर माल्यार्पण हुआ। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि अजय अंजाम ने कहा कि मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले पंडित गेंदालाल दीक्षित पर लिखी गई किताब स्वागत योग्य है। सुभाष विचार मंच के पदाधिकारी आनंद कुशवाहा ने भी किताब में सहेजे गए तथ्यों पर प्रकाश डाला। लेखक शाह आलम ने बताया कि आगरा जनपद के मई गांव में जन्मे पं गेंदालाल दीक्षित ने 20वीं शताब्दी की शुरुआत में औरैया को कर्मभूमि बना कर क्रांति की मशाल जलाई थी। मातृवेदी संस्था की स्थापना कर यहीं से उन्होंने युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भरा था। यमुना चंबल के बीहड़ों से उन्हें बेहद लगाव है। यह इलाका क्षेत्रीय क्रांतिकारियों की शरण स्थली रहा यही वजह है कि उन्होंने इस क्षेत्र पर आधारित पुस्तकें लिखी हैं। शाह आलम की बीहड़ में साइकिल, आजादी की डगर पे पांव कृतियां पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं। कोरोना काल की परिस्थितियों पर उन्होंने ''लॉकडाउन और को रोना कारावास में युवा संघर्ष'' नाम से भी एक पुस्तक लिखी है जो जल्द प्रकाशित होगी। इस मौके पर केके चतुर्वेदी कवि अभिषेक तिवारी एडवोकेट हेमू चौबे, इं. शहाबुद्दीन शाह (प्राचार्य, आईटीआई, जगम्मनपुर) विनोद सिंह गौतम, मोहम्मद अकरम, राम सुंदर यादव, साहित्यकार मोहम्मद आरिफ मौजूद थे।


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