गांव-गांव लगाई डिजिटल क्लास, बच्चें ही नहीं अभिभावक भी पढ़ रहे
सबहेड -कई बच्चों के दादा-दादी भी सीख रहे व विज्ञान की बारीकियां सराहनीय -कई अनपढ़ ...और पढ़ें

सबहेड -कई बच्चों के दादा-दादी भी सीख रहे व विज्ञान की बारीकियां
सराहनीय
-कई अनपढ़ लोग अब अंग्रेजी में बनाने लगे हस्ताक्षर
-राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित मनीष की पहल पर जुड़ रहे कई शिक्षक
फोटो-7 व 8
जागरण संवाददाता,औरैया: कोविड में जब सब स्कूल कॉलेज बंद थे चल रहे थे तो बस ऑनलाइन क्लास। गांव के बच्चे कैसे सीखे तो एक शिक्षक की मुहिम ने तमाम गांव में डिजिटल क्लासेज शुरु कर दी। कोविड के नियमों का पालन कर लैपटॉप व प्रोजेक्टर से क्लास का आयोजन किया। यह ऐसी कक्षा थी जिसमें बच्चे ही नहीं पूरा गांव पढ़ता था और बच्चों के माता-पिता भी। कई बच्चों के तो दादा-दादी भी पढ़ रहे थे। कई गांव में अब यह हालत यह है कि हस्ताक्षर न कर पाने वाले अब अंग्रेजी में भी हस्ताक्षर कर लेते हैं। मनीष का कहना है कि विद्यालय खुलने के बाद भी उनकी क्लासेज जारी रहेगी और तमाम विद्यालय के शिक्षक इस मुहिम में जुड़ रहे है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवगंज विकासखंड सहार के राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त विज्ञान शिक्षक मनीष कुमार ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गांव गांव जाकर अपनी0 क्लास के माध्यम से पढ़ाने की अनूठी पहल शुरू की है । शिवगंज के समीप स्थित गांव पुरवा क्षमा, बरियारेमऊ में सबसे पहले क्लास आयोजित हुई। क्लास में सभी को सैनिटाइज कराया जाता और शारीरिक दूरी का पालन भी होता तथा सभी को मास्क भी दिए जाते। विज्ञान की बारीकियां बताई जिससे लोगों में दिलचस्पी लगी और फिर क्या पूरा गांव क्लास में आने लगा। विषय थे आखिर ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है ? हमारी दो आंखे ही क्यूं होती हैं ? एक आंख बंद कर निशाना क्यूं लगाते हैं ? हम दूर से आने वाली ध्वनि से अक्सर उसके श्रोत की दिशा का अनुमान क्यूं नहीं लगा पाते ? सुनने के लिए आंखों का होना जरूरी है क्या ? घर्षण के प्रयोगों पर आधारित बिना रस्सी को बोतल पर बांधकर पकड़ना दिखाकर बच्चों व आम जनमानस को अंध विश्वास से बचाव के बारे में बड़े रोचक और जीवंत तरीके से बताया। क्लासेज रोचक बनी तो बच्चों के माता पिता व दादा दी भी लिखना सीखने लगे। आज इन गांव के तमाम लोग अब अंग्रेजी में हस्ताक्षर बनाते हैं। इस अभियान में स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज के भौतिकी विज्ञान प्रवक्ता रामेंद्र सिंह कुशवाहा व अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल शिवगंज के प्रधानाध्यापक अश्वनी कुमार भी जुड़ गए। शिक्षक मनीष का कहना है कि उनका यह अभियान जारी रहेगा।

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