Auraiya News: सांप के साथ रील बनाने की सनक ने ली जान, गले में लपेट वीडियो बनाते काटा
औरैया में एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक शख्स को रील बनाने का शौक इतना भारी पड़ा। सपेरा मोहल्ले में सांप दिखा रहा था तभी 23 वर्षीय अमित ने सांप को पकड़कर रील बनाने की कोशिश की और सांप ने उसे डंस लिया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया

जागरण संवाददाता, औरैया। औरैया में रील बनाने की सनक ने एक युवक की जान ले ली। युवक सांप के साथ रील बना रहा था। तभी सांप ने उसे काट लिया और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
शहर के मोहल्ला दयालपुर-भीखमपुर में मंगलवार दोपहर नाग पंचमी पर एक युवक अपने गले में सांप को डालकर रील बना रहा था। उसी समय सांप ने उसे काट लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गयी। स्वजन ने जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां पर उसका इलाज चल रहा है।
नाग पंचमी के अवसर पर शहर के मोहल्ला दयालपुर-भीखमपुर में सपेरा आया। सपेरा मोहल्ला में सांप के दर्शन मुहल्ला के लोगों को करा रहा था। उसी समय 23 वर्षीय युवक अमित वर्ष पुत्र प्रेमदास आया और सांप को पकड़ कर अपने गले में डालकर रील बनाने लगा। सांप का फन हाथ से छोड़ते ही उसके हाथ में डंस लिया। नाग के डंसने से उसकी हालत बिगड़ने लगी। जानकारी होने पर स्वजन ने उसे जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया।
सर्पदंश में इन बातों का रखें ध्यान
अगर सांप काट ले तो सबसे पहले पीड़ित का ब्लड प्रेशर नियंत्रित करना होगा। घबराहट में बीपी बढ़ने से शरीर में जहर तेजी से फैलने लगता है। सांप कांटने की जगह के पास रूमाल या किसी कपड़े से कसकर बांध दें, जिससे जहर तेजी से फैलने न पाए। सर्प दंश की जगह कट न लगाएं। जहर मुंह से न खींचे और न ही पीड़ित को सोने दें। सांप ने हाथ में काटा है तो हाथ को ऐसे लटकाएं जैसे कि उसका हाथ टूट गया हो। पीड़ित को खड़ा न होने दें और न ही चलने दें। किसी भी तरह की घरेलू दवा या नुस्खा आजमाने से बचें।
कोबरा और करैत से सबसे ज्यादा खतरा, सर्पदंश पर ये दिखते लक्षण
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. बीपी प्रियदर्शी के अनुसार, बारिश के मौसम में कोबरा और करैत के काटने की सर्वाधिक घटनाएं होती हैं। इसका जहर न्यूरोटाक्सिक होता है। सांप के काटने से पैरालिसिस (लकवा), सांस लेने में दिक्कत, आंखों से कम दिखने जैसी समस्याएं होती हैं। हेमेटोटाक्सिस के चलते शरीर में जहर फैलने पर खून का रिसाव नाक, मुंह व मल द्वार से होने लगता है।
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