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    8 साल पहले दहेज हत्या मामले में पति-ससुर और देवर को उम्रकैद, औरैया कोर्ट का फैसला

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:12 PM (IST)

    औरैया में आठ साल पुराने दहेज हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पारुल जैन ने पति, ससुर और देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर 25-25 हजार ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, औरैया। दहेज हत्या के मामले में अछल्दा थाना क्षेत्र अंतर्गत आठ वर्ष पुराने बहुचर्चित मामले में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पारुल जैन ने पति, ससुर और देवर को दोषी ठहराते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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    दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया। शादी के पांच महीने बाद ससुराल में महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी।

    मामला वर्ष 2017 का है। लखना (इटावा) निवासी सेवानिवृत्त पीएसी सीओ लखपत सिंह ने 22 वर्षीय पुत्री पिंकी की शादी 23 जून 2017 को महेवा रोड (अजीतमल) निवासी जितेंद्र कुमार यादव उर्फ जीतू के साथ की थी।

    विवाह के कुछ समय बाद से ससुरालीजन दहेज में स्कार्पियो और 10 लाख रुपये की मांग करते हुए पिंकी को प्रताड़ित करने लगे। शादी के पांच माह के भीतर 21 नवंबर 2017 को ससुराल में पिंकी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

    पिता के आरोप पर पुलिस ने दहेज हत्या और प्रताड़ना का मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने दलीलों में तर्क दिया कि शादी के महज पांच महीने के अंदर विवाहिता की मौत एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

    8 साल और 10 अदालतों का सफर

    इस मामले के निस्तारण में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह रहा कि यह केस काफी समय तक लंबित रहा। यह पत्रावली जिले की 10 अलग-अलग न्यायालयों में ट्रांसफर होने के बाद अंततः अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पारुल जैन की कोर्ट में पहुंची। जहां इस पर त्वरित सुनवाई करते हुए अंतिम फैसला सुनाया गया।

    फैसले के बाद तीनों दोषियों दोषी पति जितेंद्र यादव, ससुर पदम सिंह और देवर अमित कुमार यादव को पुलिस कस्टडी में लेकर जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि वसूले गए अर्थदंड की आधी राशि पीड़िता के पिता लखपत सिंह को दी जाएगी।