हादसे को रोजाना दावत दे रही नई रेल लाइन
संवादसूत्र दिबियापुर आधी-अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई रेलवे फ्रेट कारिडोर रेल लाइन स
संवादसूत्र, दिबियापुर : आधी-अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई रेलवे फ्रेट कारिडोर रेल लाइन से हादसे रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन हो रही घटनाओं से रेलवे लाइन के किनारे बसे गांवों के लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने रेलवे के अधिकारियों से हादसे रोकने को ठोस उपाय किए जाने की मांग की है। संबंधित रेल लाइन पर अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। एनटीपीसी की परीक्षा देने गाजियाबाद जा रहे दो छात्रों की मौत हो या तिवारी का पुरवा गांव में चार लोगों की ट्रेन से कटकर हुई मौत। आज भी सभी के जेहन में बसा हुआ है।
बोले ग्रामीण :
- गांव निवासी रूप सिंह का कहना है की नई रेल लाइन लोगों की मौत का कारण बन रही है। रेलवे के अधिकारियों ने रेलवे लाइन के किनारे बसे ग्रामीणों की जान की सुरक्षा कि परवाह किए बगैर ही रेलों का संचालन शुरू कर दिया।
- बाबू सिंह का कहना है कि गांव के चार लोगों की जान नई रेल ट्रैक ने ले ली है। किसानों की आधी जमीन लाइन के उस पार है, इसलिए उन्हें रोजाना ही रेल लाइन पार कर उस तरफ जाना पड़ता है, जिसके लिए रेलवे ने कोई समुचित व्यवस्था नहीं की है।
- मन्नीलाल का कहना है दो माह पहले भी गांव के ही दो लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। जिसके बाद भी रेलवे ने न तो बैरीकेडिग है और ही चेतावनी बोर्ड लगा है। नई रेलवे लाइन चालू हो गई है। इसी दौरान की ओर से दूसरी ट्रेन आ जाने से हादसे के शिकार हो जाते हैं। जिसके लिए रेलवे को बैरिकेडिग कर गांव के सामने से निकलने वाली रास्तों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए जिससे आए दिन हो रहे हादसों पर लगाम लग सके।
- चरन सिंह का कहना है रेलवे लाइन के किनारे बसे दर्जनों गांव कि महिलाओं को पता नहीं है। कई नई रेलवे लाइन चालू हो चुकी है, जबकि गांव की जमीन रेलवे के दोनों तरफ है। दोनों तरफ से गांव के लोग लाइन पार कर एक-दूसरे के गांव होकर खेतों पर जाते हैं। इस दौरान वह एक तरफ से आ रही ट्रेन को तो देख लेते हैं और निकलने का इंतजार करने लगते हैं।