OMG! क्या मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई के खिलाफ दर्ज होगी FIR? अधिकारियों ने गांव जाकर दर्ज किए बयान
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में मनरेगा घोटाले की जांच जारी है जिसमें भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और बहनोई का नाम सामने आया है। पलौला ग्राम पंचायत में प्रधान और उनके स्वजनों द्वारा फर्जी हाजिरी लगाकर लाखों रुपये का घोटाला किया गया। जांच में प्रधान के आठ स्वजन के खातों में बिना काम किए मजदूरी का भुगतान पाया गया।

जागरण संवाददाता, अमरोहा। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई के मनरेगा मजदूर मिलने के मामले की जांच लगातार जारी है। शनिवार को पीडी डीआरडीए अमरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में अधिकारी पलौला पंचायत में पहुंचे। यहां पर ग्रामीणों व मनरेगा जाबकार्ड धारकों से बातचीत की।
इस बीच प्रधान व विपक्ष के लोगों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिससे हंगामा खड़ा हो गया। बहरहाल, जांच पूरी होने के बाद अधिकारी वापस लौट गए। प्रधान के आठ स्वजन व अन्य परिवारजन से मनरेगा मजदूरी की रिकवरी होगी। प्रधान को भी नोटिस जारी किया जाएगा।
चूंकि, मसले की प्रारंभिक जांच में प्रधान व पांच कर्मी में दोषी पाए गए हैं। प्रधान का जवाब मिलते ही मामले में प्राथमिकी दर्ज होगी। जोया ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत पलौला में मनरेगा योजना में हुए लाखों के फर्जीवाड़े की जांच पड़ताल में पिछले चार दिनों से अधिकारी जुटे हुए हैं लेकिन, अभी तक वह पूरी नहीं हो पा रही है।
शनिवार को चौथे दिन पीडी डीआरडीए अपने साथ मनरेगा लोकपाल कृपाल सिंह, बीडीओ जोया लोकचंद आनंद व पंचायत सचिव विजेंद्र त्यागी को साथ लेकर ग्रामीणों के बयान दर्ज करने पहुंच गए। यहां पर कुछ लोग प्रधान पक्ष के थे तो कुछ विरोधी पक्ष के।
अधिकारियों ने लिए लोगों के बयान
अधिकारियों ने ग्रामीणों व मनरेगा जाबकार्ड धारकों से एक-एक कर बयान लेने का कार्य चालू किया। दोनों तरफ से करीब दस-दस लोगों के बयानों की वीडियो रिकार्डिंग की गई। क्योंकि, लोगों ने लिखित में बयान देने से मना कर दिया था।
इस बीच दोनों पक्षों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। हालांकि, इस बीच ग्राम प्रधान व उसके स्वजन में से मौके पर कोई मौजूद नहीं था। उनके परिवारीजन ही अधिकारियों के बीच पहुंचे। जिसकी वजह से गहमागहमी बढ़ी। पीडी के मुताबिक- दोनों पक्ष के लोगों के बयान लिए गए हैं।
प्रधान के चार बेटों, तीन बेटियों व एक पुत्रवधू के बैंक खाते में बगैर काम मनरेगा मजदूरी का भुगतान पहुंचा है। उनके अन्य स्वजन के खातों में धनराशि गई है। जांच पड़ताल जारी है। सभी से रिकवरी की कार्रवाई होगी। प्रधान का भी जवाब तलब होगा। यहां बता दें कि इस मामले की प्रारंभिक जांच में तत्कालीन पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, एपीओ, कंप्यूटर आपरेटर व प्रधान दोषी पाए गए हैं। जिनके खिलाफ प्राथमिकी लिखाई जाएगी।
ग्राम पलौला में जांच करते पीडी अमंरेद्र प्रताप सिंह व अन्य अधिकारी। जागरण
फर्जी हाजिरी लगाकर किया गया खेल
ग्राम प्रधान के स्वजनों ने ही मनरेगा में फर्जीवाड़े का खेल खेला। खुद ही डिमांड कर परिवार के लोगों की फर्जी हाजिरी लगाई और मस्टर रोल तैयार किए। इसके बाद ब्लाक में कंप्यूटर आपरेटर, लेखाकार व बीडीओ से धनराशि खातों में ले ली। इतना ही नहीं कई अभिलेखों में तो पंचायत सचिवों के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। बगैर सचिवों के हस्ताक्षर के भी भुगतान होने का मामला जांच में सामने आया है।
रिटायर्ड होने के बाद भी रोजगार सेवक के खाते में भेजा मानदेय
पलौला पंचायत में ग्राम प्रधान के बेटों ने फर्जीवाड़ा किया। रोजगार सेवक झम्मन लाल की बजाय खुद ही अपने स्वजन, करीबियों व परिवारीजनों की फर्जी हाजिरी लगाते रहे। वर्ष 2023 में रोजगार सेवक सेवानिवृत्त हो गया लेकिन, उसके बैंक खाते में करीब तीन-चार माह का मानदेय भेजा गया। हालांकि, उसका उपयोग रोजगार सेवक ने नहीं किया है और अधिकारियों से वापस लौटाने को कहा है। ब्लाक स्तर पर चल रही धांधलेबाजी की वजह से ऐसा हुआ है।
अभी मामले की जांच चल रही है। अन्य कई कर्मचारी भी फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए जा सकते हैं। पंचायत से लेकर ब्लाक स्तर तक गड़बड़ी मिली है। इसलिए गहनता से जांच हो रही है। इसके पूरा होने के बाद ही संबंधित लोगों से रिकवरी व प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई होगी। -अश्वनी कुमार मिश्र, सीडीओ
यह है पूरा मामला
जोया ब्लाक क्षेत्र के गांव पलौला की ग्राम प्रधान गुले आयशा के बड़े बेटे गजनबी से शमी की बहन शबीना ब्याही हैं। ससुराल में शबीना का दोमंजिला पक्का घर बना है। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे आमिर सुहेल व दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत कर रहे शेखू व नसरुद्दीन शबीना के देवर हैं।
शमी की बहन शबीना, उनके पति गजनबी के अलावा तीनों देवर आमिर सुहेल, नसरूद्दीन, शेखू का नाम जनवरी 2021 को मनरेगा जाब कार्ड में दर्ज हुआ था। अगस्त 2024-2025 तक इन पांचों ने बगैर काम मनरेगा मजदूरी का भुगतान अपने बैंक खातों में लिया था।
सभी के मनरेगा जाबकार्ड अगस्त 2024 तक सकि्रय रहे थे। इनके अतिरिक्त प्रधान की नेहा परवीन, शबा रानी व शारिया ने भी मनरेगा मजदूर मिली हैं। उनके बैंक खातों में भी मनरेगा मजदूरी गई है। इनमें नेहा परवीन शादीशुदा है। डीएम निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
पीडी डीआरडीए अमरेंद्र प्रताप ने बीडीओ जोया लोकचंद आनंद को जांच सौंप दी थी। जिन्होंने गत बुधवार को गांव में जाकर जांच-पड़ताल की थी। ग्रामीणों व मनरेगा जाबकार्ड धारकों से पूछताछ की थी। इसमें बिना काम सरकारी पैसा खातों में लेने की पुष्टि हुई थी। लेकिन, अभी जांच का कार्य चल रहा है।
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