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    यूपी में इस सब्‍जी की खेती करने वाले क‍िसानों की हुई बल्ले-बल्‍ले, बंपर पैदावार के साथ अच्‍छा म‍िल रहा भाव

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 07:45 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सब्जी किसानों के लिए अच्छी खबर है। इस बार सब्जियों की बंपर पैदावार हुई है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है। बाजार में मांग बढ़ने से किसानों को बेहतर दाम मिल रहा है। सरकार की योजनाओं से किसानों को उन्नत बीज और खाद मिल रहे हैं, जिससे उत्पादन बढ़ा है और किसानों की आय में इजाफा हुआ है।

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    संवाद सूत्र, हसनपुर। तहसील क्षेत्र के इस बार बरसात ठीक होने से शकरकंद की बंपर पैदावार हुई है। भाव भी अच्छा मिलने से शकरकंद उगाने वाले किसानों की बांछें खिल रही हैं। हसनपुर तहसील क्षेत्र में करीब तीन हजार बीघा भूमि में शकरकंद की खेती की जाती है। शकरकंद की बेल की लगाई बरसात शुरू होने पर की जाती है। बरसात के अंत में अक्टूबर माह के अंतिम पखवाड़े से नवंबर के पहले पखवाड़े तक शकरकंद की खोदाई कर ली जाती है।

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    शकरकंद की फसल उगाने में किसानों को ज्यादा मेहनत करनी नहीं पड़ी। आलू की तरह से गूल बनाकर उसके ऊपर बेल लगाई जाती है। इसके बाद वर्षा यदि नहीं होती है तो सिचाई और गूल पर एक दो बार मिटटी चढ़ाने का कार्य किसानों को करना पड़ता है।

    किसानों का कहना है कि एक बीघा में दस से 12 क्विंटल तक शकरकंद निकल रही है। जबकि, हसनपुर मंडी में इन दिनों थोक में शकरकंद 2500 से तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि, फुटकर में शकरकंद तीस से चालीस रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रहा है। खास बात यह है कि शकरकंद को उबालकर अथवा भून कर बच्चे तथा बुजुर्ग लोग भी आसानी से खा लेते हैं।

    कच्चा शकरकंद खाने से शुगर के रोगियों को राहत मिलती है। हालांकि, उबालने के बाद शकरकंद में मिठास बढ़ने पर शुगर वालों के लिए नुकसान दायक हो जाता है। चिकित्सा अधीक्षक डा. धुर्वेंद्र सिंह का कहना है कि कच्चा शकरकंद शुगर के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।


    क्‍या बोले किसान? 



    क‍िसान महेंद्र स‍िंह ने बताया क‍ि शकरकंद की फसल में अच्छा औसत आ रहा है। इस बार बरसात अधिक होने से शकरकंद की अच्छी पैदावार हो रही है। पैदावार अच्छी होने के साथ ही भाव भी ठीक मिल रहा है।


    प्रेम स‍िंह आर्य ने बताया क‍ि इस वर्ष शकरकंद की फसल में पिछले सालों के सापेक्ष अच्छी पैदावार हुई है। थोक में शकरकंद का भाव भी मंडी में बेहतर मिल रहा है। शकरकंद की फसल में अधिक मेहनत भी नहीं करनी होती है। प्रेम सिंह आर्य, किसान।