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    अमरोहा में बिना रज‍िस्‍ट्रेशन के चल रहे दो हॉस्पिटल सील, DM के निर्देश पर जोया सीएचसी प्रभारी ने की कार्रवाई

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 02:15 PM (IST)

    अमरोहा में जिलाधिकारी के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे दो अस्पतालों को सील कर दिया। जोया सीएचसी प्रभारी ने जांच के बाद यह कार्रवाई की। अवैध अस्पतालों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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    जागरण संवाददाता, अमरोहा। डीएम के निर्देश पर जोया सीएचसी प्रभारी ने अवैध रूप से संचालित नारायण और न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल की ऑपरेशन थियेटर (ओटी) को सील कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब अस्पताल में आपरेशन के लिए मरीज भर्ती थे, लेकिन वहां कोई चिकित्सक नहीं था। उन्होंने संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दे दी है।

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    जोया ब्लॉक क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की संख्या में कमी आ रही है। आशाएं गर्भवतियों को निजी अस्पतालों में ले जाकर प्रसव करवा रही हैं। जहां झोलाछाप उनका आपरेशन कर रहे हैं। डीएम ने ऐसे 37 अवैध अस्पतालों की सूची सौंपकर सीएचसी प्रभारी डा. कुनाल पराशर को सील करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन में, डा. कुनाल टीम के साथ रजबपुर क्षेत्र के अतरासी में नारायण हास्पिटल पहुंचे।

    अवैध रूप से संचालित अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं था और कई मरीज भर्ती थे। उन्होंने अस्पताल की ओटी को सील कर दिया। इसी क्षेत्र में न्यू लाइफ केयर हास्पिटल भी अवैध पाया गया, जिसकी ओटी भी सील की गई। डा. कुनाल ने बताया कि दोनों अस्पतालों की ओटी को सील किया गया है। इनमें कोई चिकित्सक नहीं था। झोलाछाप मरीजों का आपरेशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गई है।



    हास्पिटल संचालक की हुई नोकझोंक


    जोया रोड स्थित अवैध रूप से संचालित अपोलो हॉस्पिटल का संचालक बुधवार को सीएमओ कार्यालय पहुंचा और सीएमओ डॉ. सत्यपाल सिंह पर अस्पताल का पंजीकरण कराने का दबाव बनाया। कहा कि वह दो माह पहले पंजीकरण के लिए आवेदन कर चुका है, लेकिन आपने पंजीकरण नहीं किया। सीएमओ ने पटल सहायक एलिन राघवन को बुलाकर पूछा तो पता चला कि पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं मिला है। सीएमओ ने स्पष्ट कहा कि पहले पोर्टल पर पहले आनलाइन आवेदन कर कागजी कार्रवाई पूरी करें। उसके बाद ही पंजीकरण होगा। इस दौरान संचालक और स्टाफ के बीच नोकझोंक भी हुई।