डेंगू-मलेरिया के मरीजों को ड्रिप चढ़ा रहे झोलाछाप
खास बात यह है कि डेंगू मलेरिया और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने पर झोलाछाप भी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने अवैध रूप से जगह-जगह गली मुहल्लों में अपने क्लीनिक खोल रखे हैं। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने के बजाय नोटिस देने तक ही सीमित रहता है।

अमरोहा, जेएनएन : डेंगू का प्रकोप बढ़ने से झोलाछाप भी सक्रिय हो गए हैं। गली-मुहल्लों में क्लीनिक खोल रखे हैं। जिसमें वह डेंगू, मलेरिया और वायरल के मरीजों को ड्रिप चढ़ाकर उनकी जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिसके बदले वह मोटी रकम वसूल रहे हैं। डेंगू जांच को भी नमूने लेकर जांच को भेज रहे हैं। धनौरा में झोलाछाप के यहां बरामद डेंगू के नमूनों से इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रिप लगाने से मरीज के शरीर का बीपी व सोडियम-पोटेशियम की मात्रा असंतुलित हो जाती है। जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
वायरल की आड़ में डेंगू और मलेरिया तेजी से पांव पसार रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक डेंगू के 40 केस निकल चुके हैं। इनमें से दो व्यक्तियों की मौत भी हो चुकी है। इसमें खास बात यह है कि डेंगू, मलेरिया और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने पर झोलाछाप भी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने अवैध रूप से जगह-जगह गली, मुहल्लों में अपने क्लीनिक खोल रखे हैं। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने के बजाय नोटिस देने तक ही सीमित रहता है। इसके चलते अधिकांश मरीज गांवों के झोलाछाप से ही इलाज करा रहे हैं। डेंगू मरीज की इलाज से लेकर जांच तक की पूरी जिम्मेदारी ले रहे हैं। जिसमें क्लीनिक में ही डेंगू जांच के लिए ब्लड का नमूना लेकर निजी लैब भेज रहे हैं। निजी लैब से स्वास्थ्य विभाग को मिल रही रिपोर्ट और धनौरा में झोलाछाप के यहां से बरामद नमूने इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. सतपाल सिंह ने बताया कि झोलाछाप बिना सोचे समझे मरीज को ड्रिप लगाकर उनकी जिदगी खतरे में डाल रहे हैं। ड्रिप लगाने से मरीज के शरीर का बीपी और पल्स गिरने लगती है। सोडियम और पोटेशियम की मात्रा भी अनियंत्रित हो जाती है। जिससे मरीज की मौत तक हो जाती है। उन्होंने बताया कि डेंगू मरीजों को ड्रिप लगाने के बजाय केवल ओआरएस का घोल देना चाहिए। उन्होंने डेंगू-मलेरिया, वायरल के मरीजों से सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराने की अपील की है। सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज व जांच की व्यवस्था
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि सरकारी जिला अस्पताल में डेंगू-मलेरिया और वायरल मरीजों के इलाज से लेकर जांच की पूरी सुविधा है। दो एलाइजा मशीन मौजूद हैं। जिससे डेंगू की जांच की जाती है।
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