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    ऐतिहासिक तिगरी मेले में बुला रही हैं मां गंगा, यहां महाभारत काल के दौरान पांडवों ने भी किया था बसेरा

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 03:17 PM (IST)

    अमरोहा के तिगरीधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर ऐतिहासिक मेला लगा है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं। महाभारत काल में पांडवों ने यहां बसेरा किया था। प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है। श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी बनाई गई है और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया गया है। मेले में पुलिस और चिकित्सा व्यवस्था भी चाक-चौबंद है, जिससे श्रद्धालु शांतिपूर्वक अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं।

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    श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं की सौगात।

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। मैं तिगरीधाम हूं। मां गंगा के किनारे बसा, त्रेता युग से भी मेरा संबंध है। यहां महाभारत काल के दौरान पांडव भी आए थे तो श्रवण कुमार ने भी मेरे आंगन में बसेरा किया था। हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच कर आस्था के साथ स्नान करते हैं। पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडदान करते हैं। इस बार भी यहां मेला लगा है तथा श्रद्धाभाव से श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने का सिलसिला जारी है। लगभग 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। मंगलवार तक इनकी तादाद और बढ़ेगी। यानि मेरी गोद में उनका बसेरा होगा।

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    यहां लग रहे मेले में आस्था के साथ ही उत्साह व उल्लास भी हिलौरें ले रहे हैं। जिसके लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बेहतर व्यवस्था की है। साधु संतों की तंबु नगरी अलग बसी है तो इस बार श्रद्धालुओं के लिए मेले में टेंट सिटी भी बसाई गई है। जबकि श्रद्धालु स्वयं भी तंबु लगा कर यहां वास कर रहे हैं।

    उनकी सुरक्षा, रहने, खाने-पीने के साथ ही यहां आराम से पहुंचने की बेहतर व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की गई है। हालांकि इतनी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, ऐसे में जाम लगना या थोड़ी देरी होना स्वभाविक है। फिर भी श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए पुलिस कर्मी 24 घंटे तैनात हैं।

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    आपात स्थिति से निपटने के लिए श्रद्धालुओं को वहां से निकलाने हेतु गजरौला व कांकाठेर मार्ग का एक रूट खाली रखा गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ को कैसे नियंत्रित कर उन्हें सुविधाएं दी जा रही हैं, आइए यहां की गई व्यवस्थाओं व यहां तक पहुंचने के प्रबंध पर नजर दौड़ाएं।

    रेल व बस मार्ग से ऐसे पहुंचे

    दिल्ली व मुरादाबाद की तरफ से रेलमार्ग द्वारा आने वाले श्रद्धालु गजरौला रेलवे स्टेशन के साथ ही कांकाठेर रेलवे स्टेशन पर उतरें। गजरौला से 11 किमी तो कांकाठेर से 6 किमी दूरी पर तिगरीधाम है। किराए के वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। रोडवेज बस अड्डा गजरौला से भी कुमराला चौकी होते हुए आसानी से तिगरीधाम पहुंच सकते हैं। जबकि निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओओं के लिए भी यही रूट है।

    मेले में यह हैं सुविधाएं

    जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 21 घाट तैयार कराएं हैं। वहां पर सुरक्षा के पूरे प्रबंध हैं। महिला श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्य सड़क 60 फीट चौड़ी है। जहां श्रद्धालु आसानी से बगैर जाम के आ-जा रहे हैं। प्रत्येक घाट पर पुलिस कर्मी तैनात हैं तथा नाव का भी प्रबंध है। इस बार टेंट सिटी भी तिगरी धाम में बसाई गई है। यहां श्रद्धालुओं को किराए पर टेंट मिल रहे है। जिसमें पेजयल, खाना व खेलने की व्यवस्था भी है।

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    पांच चेकिंग प्वाइंट से होकर गुजारे जा रहे वाहन

    तिगरीधाम तक पहुंचने के लिए गजरौला व कांकाठेर से पांच चेकिंग प्वाइंट से होकर वाहनों को गुजारा जा रहा है। दोनों मार्ग पर डिवाइडर लगाए हैं। ताकि जाम न लग सके। भारी वाहन जैसे ट्रैक्टर-ट्रॉली व कार को मोहरका पट्टी-कांकाठेर मार्ग पर डायवर्ट कर पार्किंग तक पहुंचाया जा रहा है। वहां से सेक्टर पांच से होते हुए मुख्य मेले में आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा भी आठ स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

    पहली बार बाइक पर मेले में घूम रहे पुलिस कर्मी

    सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एसपी ने तिगरी मेले में पहली बार बाइक पुलिसिंग शुरू की है। हालांकि, पूर्व में भी पुलिस कर्मी मेले में भ्रमणशील रहते थे। परंतु इस बार एक बाइक पर निरीक्षक व दारोगा के साथ एक पुलिस कर्मी तैनात किया गया है। सेक्टरवार उनकी ड्यूटी लगाई गई है। जोकि बाइक से मेला परिसर में घूम कर हालात पर नजर रख रहे हैं।

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    मार्ग की एक साइड रखी गई है रिक्त

    मेले में किसी भी आपात स्थिति के दौरान श्रद्धालुओं को वाहन सहित बाहर निकालने के लिए गजरौला व कांकाठेर मार्ग की एक साइड को रिक्त रखा गया है। पार्किंग स्थल से लेकर श्रद्धालुओं के तंबुओंं तक यही व्यवस्था की गई है। प्रत्येक प्वाइंट पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से बाहर निकाला जा सके। पब्लिक एड्रेस सिस्टम से भी श्रद्धालुओं को संदेश पहुंचाया जा रहा है।

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    मेले में इस प्रकार किए गए हैं सुरक्षा के प्रबंध

    • चार हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
    • मेले पर नजर रखने के लिए 150 सीसीटीवी लगे हैं।
    • मेले पर छह ड्रोन से 24 घंटे नजर रखी जा रही है।
    • मेले में सदर कोतवाली व कंट्रोल रूम के साथ 62 पुलिस चौकी बनाई गई हैं।
    • सभी 21 घाट तथा मेले के रूट पर कुल 21 बेरियर लगाए गए हैं।
    • एसडीआरएफ के साथ ही पीएसी की बटालियन भी तैनात है।
    • पीआरवी के 12 वाहन तो 10 एंबुलेंस भी तैनात है।
    • अग्निशमन विभाग ने 12 बड़े तो 25 छोटे फायर टेंडर लगाए हैं।
    • गंगा में 24 घंटे 60 नाव मौजूद हैं। जिन पर पुलिस कर्मी तैनात हैं।
    • गुमशुदा बच्चों को तलाश करने के लिए 450 स्काउट काम कर रहे हैं।
    • पूरे मेले पर नजर रखने के लिए 35 वाच टावर मौजूद हैं।
    • मेले में 10 बेड का अस्पताल है, जहां 40 चिकित्सकों की तैनाती है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    इस बार तिगरी मेले में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। टेंट सिटी के साथ ही तंबु लगाने के लिए भी पर्याप्त स्थान है। पेयजल की कोई किल्लत नहीं है। श्रद्धालुओं को हैंडपंप उपलब्ध कराए गए हैं। मेला श्रद्धाभाव से गतिमान है। हालात पर नजर रखी जा रही है। -निधि गुप्ता वत्स, डीएम।

    तिगरी मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सभी घाट पर ड्यूटी लगी हैं। लाउडस्पीकर के साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम से मेले में श्रद्धालुओं को संदेश दिया जा रहा है। -अमित कुमार आनंद, एसपी।