Tigri Ganga Mela 2025: गंगा की रेती पर बसेगी अनूठी दुनिया, उमड़ रहा आस्था का सैलाब
अमरोहा, उत्तर प्रदेश में तिगरी गंगा मेला 2025 की तैयारी शुरू हो गई है। गंगा किनारे एक अद्भुत दुनिया बसाई जा रही है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। दुकानें और शिविर लगने लगे हैं, और मेले में भक्ति का माहौल है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। माना जा रहा है कि मेले में लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आएँगे।

राहुल शर्मा, अमरोहा। कल-कल बहती गंगा और उसका किनारा, जो कुछ दिन पहले वीरान था, आज उस पर आस्था का बसेरा दिखने लगा है। कुंभ जैसा तिगरी मेला सजता जा रहा है। जिसमें उत्साह और उल्लास का समागम होने लगा है। आस्था की बयार तेजी पकड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा पांच नवंबर की है लेकिन, आज मंगलवार से मेला शुरू हो रहा है। सात दिन में ही मेलाधाम पर तंबुओं की ऐसी दुनिया बसेगी जो अपने आप में बेमिसाल और अनूठी होगी। अब यह भी नहीं कि इसी साल बसेगी बल्कि वह तो सदियों से बसती आ रही है।
इस बार तिगरी गंगा मेला को 22 सेक्टरों में विभाजित किया गया है जबकि, छह जोन बनाए गए हैं। मेला को भव्यता प्रदान करने के लिए प्रशासन के द्वारा पुरजोर प्रयास चल रहे हैं। सुरक्षा को लेकर भी मजबूत इंतजाम किए जा रहे हैं। गंगा किनारे की रेती पर अबकी बार अद्भुत नजारा श्रद्धालुओं को देखने के लिए मिलेगा। 30 से 40 लाख तक श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशंका प्रशासन द्वारा जताई जा रही है। उसके हिसाब से ही तैयारियों का दौर अंतिम चरण में चल रहा है। रेतीली जमीन पर श्रद्धालु कई-कई दिन तक बसेरा करते हैं। तंबुओं का शहर बसाते हैं और उसमें उल्लास व आस्था का रंग भरते हैं। सुबह-शाम पतित पावनी मां गंगा में स्नान करते हैं और मेले का लुत्फ उठाते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह सबसे बड़ा ऐतिहासिक मेला है। जिसमें तमाम परंपराओं को निभाया जाता है। दीपदान करने से मोक्ष प्राप्ति तक उन परंपराओं में शामिल है। इसके अतिरिक्त बच्चों का मुंडन संस्कार भी गंगा किनारे किया जाता है। जिसके लिए दूर-दराज से लोग अपने बच्चों व परिवार के साथ पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर मेला का नजारा बदल जाता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पांच नवंबर की है जबकि, आज से मेला शुरू हो रहा है। श्रद्धालु अपने वाहनों से मेला स्थल पर पहुंचने लगे हैं। सात दिन में गंगा की रेती पर अलग ही आस्था का शहर दिखाई देगा। उस समय मां गंगा के जयकारे किनारे पर गूंजते हैं और माहौल कुंभ सरीखा बन जाता है।
इस बार मेला को पिछली बार से और अधिक भव्य तरीके से बसाया जा रहा है। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए झूले आदि का भी संचालन शुरू हो गया है। मंगलवार से मेला शुरू होगा लेकिन, उसका उद्घाटन एक नवंबर को किया जाएगा। - गरिमा सिंह, मेला प्रभारी/एडीएम वित्त

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