गांवों में बदला ट्रेंड, कोड-वर्ड का प्रयोग कर रहे शराबी
अमरोहा पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर शराब की खपत हो रही है।

अमरोहा: पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर शराब की खपत हो रही है। स्वजन से बचने के लिए गांवों में शराब मांगने का नया ट्रेंड निकाला है। डायरेक्ट नाम न लेकर अब शराबी कोड-वर्ड में दारू मांग रहे हैं। देशी पव्वे को अंगूरी तो अंग्रेजी को रसिया बोल रहे हैं।
पंचायत चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए दावेदार रसगुल्ले बांट रहा है तो कोई सोमपपड़ी। कोल्ड ड्रिक भी घरों पर पहुंच रही हैं। इतना ही नहीं दावेदार वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए गेहूं की गहाई से लेकर भूसा तक घर पहुंचवाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं लेकिन, इस बयार में शराबियों की चांदी कट रही है। वहीं परेशान भी हैं क्योंकि, शराब पीने पर घर में रार हो रही है। इसलिए स्वजन से छिपकर शराब का सेवन कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने दावेदारों से शराब मांगने को कोड-वर्ड बनाया है। दावेदार भी उनके इन कोड-वर्ड में पूरी तरह रंग गया है। मतदाता को देशी शराब का पव्वा चाहिए तो वह अंगूरी बोल रहा है। अंग्रेजी चाहिए तो रसिया कह रहा है। बीयर को फ्रूटी बोल रहे हैं। इसी हिसाब से दावेदार भी ठिकानों पर शराब पहुंचा रहे हैं। नए पियक्कड़ हो रहे तैयार
अमरोहा: गांवों में चुनाव से माहौल बदला हुआ है। बहती गंगा में बड़ों के साथ छोटे भी गोता लगा रहे हैं। पुरानों की छोड़िए नए पियक्कड़ सामने आ रहे हैं जो कह तो नहीं रहे हैं लेकिन, दावेदार की शराब खामोशी से ले रहे हैं। कर रहे स्टाक
अमरोहा: पंचायत चुनाव में मानो बड़ी चीज शराब हो गई है। कोई दावेदार नहीं बांट रहा है तो पियक्कड़ मतदाताओं की नजरों में वह बेकार है। इसलिए दावेदार किसी को निराश करने के मूड में नहीं है। कोई पीये या न पीये, वह सभी को शराब के पव्वे, कैन व बोतल दे रहे हैं। बिना पीने वाले स्टाक कर रहे हैं।
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