जानवर ने गाय पर हमला कर मौत के घाट उतारा
तहसील क्षेत्र के पतित पावनी गंगा मैया के तटबांध किनारे के गांव पौरारा में गुरुवार की रात अज्ञात जंगली जानवर ने एक गाय पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इससे पूर्व एक गाय व तीन बकरियों को भी जानवर अपना शिकार बना चुका है। गाय जैसे बड़े जानवर का खूंटे पर ही कौन जानवर शिकार कर रहा है।
हसनपुर : पतित पावनी गंगा मैया के तटबांध किनारे के गांव पौरारा में गुरुवार की रात जंगली जानवर ने हमला कर गाय को मौत के घाट उतार दिया। इससे पूर्व एक गाय व तीन बकरियों को भी जानवर अपना शिकार बना चुका है। वन महकमा गहरी नींद में सोया हुआ है।
गुरुवार की रात गांव में रामलीला चल रही थी। लोग घरों एवं पशुओं को रामभरोसे छोड़कर भगवान की भक्ति में लीन थे। इसी बीच तटबांध किनारे स्थित फूल ¨सह सैनी के घेर में बंध रही गाय पर हमला कर जानवर ने अपना शिकार बना लिया। किसान रामलीला देखकर घर लौटा तो दूध देने वाली गाय के खूंटे के पास उसके अवशेष पडे़ मिले। ग्रामीणों ने एकत्र होकर जानवर के पैरों के निशान देखने का प्रयास किया तो तेंदुआ होने की आशंका जाहिर की गई।
तीन दिन पूर्व गांव निवासी शिवदत्त शर्मा की गाय को भी जानवर कुछ इसी अंदाज में हमला कर मौत के घाट उतारकर अपना शिकार बना चुका है। इससे पहले ग्रामीण नन्हुवा सैफी, वाहिद मलिक एवं शफीक धोबी की एक- एक बकरी को जानवर निवाला बना चुका है। जंगली जानवर के बढ़ते आतंक से ग्रामीण भयभीत हैं। परंतु वन विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है।
क्षेत्रीय वनाधिकारी सुभाष चैधरी से इस संबंध में जानकारी करनी चाही तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। तेंदुआ नहीं कर सकता गाय का शिकार
हसनपुर: पौरारा में दो गायों एवं तीन बकरियों को जंगली जानवर द्वारा हमला कर शिकार बनाने वाले जानवर को ग्रामीण भले ही तेंदुआ मान रहे हैं। लेकिन इस मामले में वन विभाग के लोगों की राय ग्रामीणों से जुदा है।
पूर्व में हसनपुर सर्किल पर तैनात रह चुके डिप्टी रेंजर हरीश मेहता का कहना है कि तेंदुआ बकरी को तो निवाला बना सकता है लेकिन गाय जैसे बडे़ जानवर को नहीं खा सकता। उनका मानना है कि गाय पर हमला करने वाला जानवर लकड़बग्घा अथवा गुलदार हो सकता है। उधर वन दरोगा हरदेव ¨सह एवं वन रक्षक महावीर ¨सह ने गाय पर हमला कर मौत के घाट उतारने की सूचना पर पौरारा पहुंचकर जांच पड़ताल की।
हरदेव ¨सह का कहना है कि गाय पर थानों की तरफ से हमला कर शिकार किया गया है। हमला करने वाला जानवर भेड़िया अथवा लकड़बग्घा होने की संभावना है। हालांकि तलाश करने के बावजूद पैरों के निशान दिखाई नहीं पडे़ हैं। गाय के अवशेषों को किसान ने दफना दिया है। जंगली जानवर द्वारा गायों एवं बकरियों का शिकार बनाने से किसान परेशान हैं।
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