Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन खूंखार बंदरों से बचाइये... झुंड के हमले में 380 लोग रोजाना हो रहे जख्मी, खौफ में इस जिले के निवासी

    अमरोहा जिले में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक है जो झुंड में हमला कर लोगों को जख्मी कर रहे हैं। अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन की मांग बढ़ गई है। हसनपुर में पिछले दो साल में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन द्वारा ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में दहशत है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रेबीज वैक्सीन और सीरम की पर्याप्त उपलब्धता है।

    By Kunwar Pal Singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 27 May 2025 01:04 PM (IST)
    Hero Image
    आवारा कुत्ते-बंदर हुए खूंखार, रोजाना करीब 380 लोगों को कर रहे जख्मी

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। आवारा कुत्ते-बंदरों का आतंक व्याप्त है। जिसके चलते वह झुंड के रूप में रहते हैं और अकेला व्यक्ति दिखाई पड़ने पर उस पर टूट पड़ते हैं। सरकारी आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं रोजाना करीब 380 व्यक्तियों को हमला करके उन्हें जख्मी कर रहे हैं। जिनके अस्पतालों में रैबीज वैक्सीन लगाई जा रही है। आवारा कुत्ते-बंदरों से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने भी कोई ठोस इंतजाम नहीं किया है। जिसके कारण हसनपुर में दो साल के अंदर 11 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जनपद में आवारा कुत्ते और बंदरों ने आतंक बरपा रखा है। जिनके खौफ से हर कोई व्यक्ति दहशत में है। अमरोहा नगर में भी आवारा कुत्ते-बंदर काफी संख्या में हैं। जिन्होंने नगर में आतंक बरपा रखा है।

    हालांकि पालिका ईओ डा. बृजेश कुमार ने जनता संग सभासदों के अनुरोध पर अभियान के तहत अभी तक करीब 400 आवारा कुत्तों को पकड़वा कर उनकी नसबंदी कराकर छुड़वा दिए। लेकिन फिर भी आवारा कुत्तों का आतंक बरकरार है। जिसके चलते नगर सीएचसी में रोजाना आवारा कुत्ते बंदर के काटे करीब 40 मरीज आ रहे हैं। जिनके रैबीज वैक्सीन लगाई जा रही है। जबकि जिला अस्पताल में भी रोजाना 55 से 60 मरीज कुत्ते बंदर के काटे आ रहे हैं।

    दो साल में 11 की मौत

    हसनपुर तहसील क्षेत्र में आवारा कुत्ते-बंदरों ने तो कहर बरपा रखा है। वहां बड़ी संख्या में लोगों को जख्मी कर रहे हैं। हालात यह है कि यहां दो साल के अंदर आवारा कुत्ते 11 लोगाें को मौत के घाट उतार चुके हैं। जिसके चलते यहां के लोग दहशत में है। लेकिन आवारा कुत्ते-बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर निकाय व प्रशासनिक स्तर से कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है। जिलेभर में रोजाना करीब 380 लोगों को आवारा कुत्ते बंदर हमला कर उन्हें जख्मी कर रहे है। सरकारी अस्पताल में मरीजों के रैबीज वैक्सीन लगने के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं।

    हसनपुर में आवारा कुत्तों ने इनको बनाया निबाला

    हसनपुर में आवारा कुत्ते आदमखोर हो गए हैं, जो लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। जिसमें दो साल के अंदर 11 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इनमें रामपुर भूड़ गांव निवासी 12 वर्ष रामपुर भूड़ निवासी शरद कुमार, दीपपुर गांव निवासी 12 वर्षीय कनिष्क, दस वर्षीय छात्र आर्यंस, हुसैनपुर गांव निवासी दस वर्षीय रिंकी, बिजनौर निवासी 60 वर्षीय नथिया, उधमपुर निवासी शशिकांत, दीपपुर निवासी 40 वर्षीय राजवती, हसनपुर निवासी 40 वर्षीय नसीम, मनौटा निवासी दो वर्षीय काव्या, फूलपुर बिजलपुर गांव निवासी 20 वर्षीय संजना, आगापुर उर्फ याकूबपुर निवासी डेढ़ वर्षीय आशीष कुमार आदि के नाम शामिल हैं।

    सरकारी अस्पतालों में रैबीज वैक्सीन भरपूर

    सीएमओ डा. सत्यपाल सिंह ने बताया कि रैबीज वैक्सीन का स्टाक भरपूर मात्रा में है। ड्रग्स वेयर हाऊस पर करीब सात हजार रैबीज वैक्सीन का स्टाक है। जिला अस्पताल में 1800 रैबीज वैक्सीन व सीएचसी पीएचसी में भी रैबीज वैक्सीन भरपूर हैं। किसी व्यक्ति के आवारा कुत्ता या बंदर काटने पर तुरंत अपना आधार कार्ड लेकर अस्पताल पहुंचे और वहां मुफ्त रैबीज वैक्सीन लगवा सकते हैं।

    ब्लड बैंक में सीरम की भी व्यवस्था

    सीएमओ डा. सत्यपाल सिंह ने बताया कि आवारा कुत्ते और बंदर, गीदड़ के काटे गंभीर मरीज को सीरम चढ़ाया जाता है। तभी उसकी जान बचती है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में सीरम की व्यवस्था न होने पर गंभीर मरीजों को मेरठ, दिल्ली, नोएडा, मुरादाबाद रेफर कर दिया जाता था। मरीजों को वहां पहुंचने में देर होने पर जान जाने का खतरा रहता है। लिहाजा अब आवारा कुत्ते बंदर काटे के गंभीर मरीजों को सीरम चढ़वाने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ही सीरम तैयार किया जा रहा है। जिसे जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को मुफ्त चढ़ाने की व्यवस्था है।