शरद पूर्णिमा पर गंगा स्नान आज, तिगरी व ब्रजघाट पर दिल्ली-राजस्थान सहित कई राज्यों के श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
शरद पूर्णिमा के अवसर पर ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हरियाणा दिल्ली राजस्थान गाजियाबाद और नोएडा से आए भक्त सोमवार रात ही पहुंच गए। तिगरीधाम में भी श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजा-अर्चना की। पंडित गंगासरन शर्मा ने शरद पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला जिसमें चंद्रमा की किरणों को अमृत तुल्य माना जाता है। सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी तैनात रहे।

सौरव, गजरौला/अमरोहा। शरद पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए ब्रजघाट में श्रद्धालु उमड़ पड़े। हर-हर महादेव व गंगा के जयकारों से गंगा घाट भी गूंजते रहे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कर्मियों की डयूटी पर रहे। मंगलवार पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए ब्रजघाट में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गाजियाबाद और नोएडा के श्रद्धालु सोमवार की रात से ही पहुंचाने लगे थे। क्योंकि दोपहर से पूर्णिमा का मुहूर्त भी शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी।
तिगरीधाम में भी काफी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद की पूजा-अर्चना
तिगरीधाम में भी ऐसी ही स्थिति बनी रही। सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए और स्नान कर घाट पर ही पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु अपने निजी संसाधनों से पहुंच रहे थे।
पंडित गंगासरन शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन खुले आसमान में खीर रखने और फिर इसके बाद अगली सुबह इसके सेवन करने का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। शास्त्रों में चंद्रमा की किरणों को अमृत तुल्य माना गया है ऐसे में शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है, जिसमें औषधीय गुण मौजूद होते हैं।
शरद पूर्णिमा का खास महत्व
शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चांद की किरणों में औषधीय गुण के कारण कई बीमारियों दूर होती है और मन प्रसन्न होता है।
प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि घाट पर गोताखोर व पुलिस कर्मी डयूटी पर मौजूद रहे थे।
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