जाट बिरादरी को साधने पहुंचे रालोद प्रमुख, जयंत चौधरी ने किया कटाक्ष- सपा-कांग्रेस चाहती थी एकक्षत्र राज
अमरोहा लोकसभा सीट पर जाट मतदाता की संख्या लगभग डेढ़ लाख के आसपास है। यह मतदाता किसी भी प्रत्याशी का चुनावी गणित बना व बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में रालोद का सुरक्षित वोट बैंक माने जाने वाले जाट मतदाताओं को घेरने के लिए जयंत चौधरी बुधवार को एक महीना के भीतर दूसरी बार जिले में पहुंचे हैं। पढें पूरी खबर-
जागरण संवाददाता, अमरोहा। अमरोहा लोकसभा सीट पर जाट मतदाता की संख्या लगभग डेढ़ लाख के आसपास है। यह मतदाता किसी भी प्रत्याशी का चुनावी गणित बना व बिगाड़ सकते हैं।
ऐसे में रालोद का सुरक्षित वोट बैंक माने जाने वाले जाट मतदाताओं को घेरने के लिए जयंत चौधरी बुधवार को एक महीना के भीतर दूसरी बार जिले में पहुंचे हैं। बुधवार की जनसभा में उन्होंने गंगापार के जाटों से अमरोहा के जाटों का भावनात्मक रिश्ता जोड़ते हुए अपने दादा चौधरी चरण सिंह व पिता चौधरी अजित सिंह के नाम पर सहयोग की अपील की।
अमरोहा-अतरासी मार्ग स्थित गांव पपसरा जिले में जाटों की राजनीति का केंद्र हुआ करता था। कैबिनेट मंत्री स्व. चौधरी चंद्रपाल सिंह का यह गांव बुधवार को फिर से जाट बिरादरी को एक मंच पर लाने का गवाह बना। रालोद मुखिया जयंत चौधरी व तमाम जाट नेता भी इसके साक्षी रहे।
विपक्ष पर बोला करारा हमला
जयंत ने जिले के जाटों से भावनात्मक रिश्ता जोड़ कर सहयोगी दल भाजपा के प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर के पक्ष में माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि जब रालोद सपा व कांग्रेस का सहयोगी दल था तो वह नहीं चाहते थे कि हम गंगापार आकर राजनीति करें। मुरादाबाद मंडल में वह अपना एकक्षत्र राज चाहते थे। बस जाटों को वोट बैंक के रूप में प्रयोग करते थे।
बोले कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी में आकर खुद को मां गंगा का बेटा बताया था। उसी तरह से हमारा रिश्ता भी मां गंगा से वैसा ही है। हमारी विचारधारा एक है। हमने भी अपने बाबा चौधरी चरण सिंह व पिता चौधरी अजित सिंह की अस्थियां अमरोहा आकर गंगा में प्रवाहित की थीं। यहां के किसान भी मां गंगा के आंचल में खेती कर रहे हैं। तिगरी धाम का सौंदर्यीकरण हो और यहां पर्यटन को बढ़ावा मिले, यही हमारी सोच है।