यूपी के इस जिले में लोगों में बढ़ रहे कैंसर के लक्षण, स्क्रीनिंग में क्या-क्या पता चल गया?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गजरौला में एनसीडी कार्यक्रम के तहत किए गए सर्वे में 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर शुगर और बीपी के लक्षण पाए गए हैं। एक हजार से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है और उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। टीबी के रोगियों में शुगर की बीमारी स्थिति को और गंभीर बना रही है।
जागरण संवाददाता, गजरौला। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनसीडी कार्यक्रम के तहत सी-बैक फार्म का सर्वे किया गया। इस सर्वे में अधिकांश फोकस 30 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों पर दिया जा रहा है। उस व्यक्ति का नाम-पता के साथ-साथ बीमारी के लक्षण भी दर्ज किए जा रहे हैं।
अभी तक गजरौला में एक हजार से अधिक लोग ऐसे चिन्हित किए गए। जिनमें मुंह व स्तन कैंसर, शुगर और बीपी के लक्षण होने का संदेह है। इसलिए उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्हें रेफर भी किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एनसीडी जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुख, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग करना है। प्रशिक्षित आशा, एएनएम और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता घरों तक पहुंचकर बीपी मॉनिटर और ग्लूकोमीटर का उपयोग करके व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करते हैं।
स्क्रीनिंग, उपचार और अनुवर्ती कार्रवाई से संबंधित डेटा को (एनपी-एनसीडी) पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। चिकित्सा अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में 30 उम्र से अधिक वाले लोगों पर फोकस रखने के निर्देश हैं।
उन्होंने बताया कि एनसीडी (गैर-संचारी रोग) कार्यक्रम है। जिसे अब राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के नाम से जाना जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण करना है।
यह कार्यक्रम स्क्रीनिंग, परामर्श, मुफ्त दवाओं और स्वास्थ्य जागरूकता पर केंद्रित है। जिसमें आशा, एएनएम और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करते हैं और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
टीबी के रोग को घातक बनी रही शुगर, बेदम हो रहा शरीर
जासं, गजरौला : टीबी का रोग तेजी के साथ बढ़ रहा है। लेकिन, इस रोग को शुगर की बीमारी और घातक बना रही है। चिकित्सकों के मुताबिक जिस व्यक्ति को टीबी के साथ-साथ शुगर की बीमारी है। उसकी पीड़ा दोगुणा हो रही है। क्योंकि शुगर शरीर की इम्युनिटी को गिराती है। इसलिए टीबी का मर्ज मनुष्य को और जकड़ लेता है।
यही वजह है कि टीबी का रोग कटने में भी समय लग रहा है। गजरौला ब्लाक की बात करें तो यहां पर सक्रिय साढ़े चार सौ में से दो सौ से अधिक टीबी के रोग ऐसे हैं। जिन्हें टीबी के साथ-साथ शुगर का भी रोग है। इसलिए उन्हें कई एहतियात बताते हुए दवा चलाई जा रही है। टीबी कोर्डिनेटर नवनीत कुमार ने बताया कि टीबी वाले मरीजों को शुगर नुकसान पहुंचा रही है।
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