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    Pitru Amavasya 2025: पितृ अमावस्या का विशेष है महत्व, ब्रजघाट और तिगरीधाम श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:11 AM (IST)

    पितृ अमावस्या पर ब्रजघाट और तिगरीधाम में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान किए और दान-दक्षिणा देकर पुण्य कमाया। हर-हर गंगे के जयकारों से घाट गूंज उठे। तिगरीधाम में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। पंडित शैलेष शर्मा ने पितृ अमावस्या का महत्व बताया और पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म करने की बात कही।

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    ब्रजघाट पर गंगा स्नान के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब। जागरण

    जागरण संवाददाता, गजरौला/अमरोहा।  पितृ अमावस्या पर ब्रजघाट व तिगरीधाम स्थित गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पितृों की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए पिंडदान किए। गंगा घाट पर विराजमान पुरोहितों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य लाभ भी कमाया। इस दौरान हर-हर महादेव व मां गंगा के जयकारों से घाट गूंज उठे।

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    पूर्वजों की याद में किए पिंडदान, हर-हर गंगे के साथ स्नान

    रविवार को ब्रजघाट व तिगरी में बह रही गंगा में पितृ अमावस्या पर स्नान करने के लिए मां गंगे के भक्त शनिवार की रात में ही लाखों की संख्या में पहुंच गए। जिनमें हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हापुड़ आदि जिलों के लोग शामिल रहे। भोर हाेते ही आस्था की डुबकी लगाकर पितृों की शांति के लिए तर्पण चालू कर दिया। दिन निकलने के साथ घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गए। हर ओर मां गंगा के जयकारे गूंजते रहे। इससे माहौल भक्तिमय हो गया।

    ब्रजघाट व तिगरीधाम में पितृ अमावस्या पर उमड़ा आस्था का सैलाब

    श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ पितृों की शांति को पुरोहितों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य लाभ कमाया। कमावेश, यही हालात तिगरीधाम में देखने को मिले। यहां पर श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्राली, भैंसा-बुग्गी, मैजिक व बाइकों पर सवार होकर स्नान करने के लिए पहुंचे। तिगरीधाम में इस बार भी तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचाने का अनुमान जताया गया है।

    श्रद्धालुओं ने दान कर कमाया पुण्य, पुलिस रही तैनात

    सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन भी गंगा घाट पर लगा हुआ है। सीओ अंजली कटारिया ने बताया कि तिगरी धाम में पुलिस निगरानी में गंगा स्नान कराया जा रहा है। क्योंकि गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है इसलिए पूरी तरह से अलर्ट है।

    पितृ अमावस्या का महत्व

    तिगरी के पंडित शैलेष शर्मा ने पितृ अमावस्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पितृपक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को महालया अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या और विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म करके उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। कुछ लोग महालया अमावस्या पर अपने सभी पितरों का तर्पण करते हैं। पितृदोष से मुक्ति के लिए महालया अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध भी बहुत महत्व रखता है।

    पितृदोष दूर करने से होते हैं ये लाभ

    पितृदोष दूर होने से जीवन में तरक्की और सुख-समृद्धि का वास होता है। महालया अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद दक्षिण दिशा में पितरों को जल अर्पित करें। फिर घर पर सात्विक भोजन बनाकर पितरों के नाम का भोजन निकालकर दक्षिण दिशा में रख दें। इसके बाद ब्राह्मण, गरीब, गाय, कुत्ता और कौए के लिए भी भोजन खिलाया जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसी के साथ शाम के समय दक्षिण दिशा में दीया भी जलाया जाता है।