‘ममता’ से दूर हुआ नवजात, फिर पिल्लों के साथ गुजारी रात
सर्द रात में खुले आसमान के नीचे छोड़े गए एक नवजात को कुतिया ने अपने पिल्लों के साथ सुरक्षित रखा। सुबह किसान दंपती को बच्चे के रोने की आवाज सुना ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गजरौला (अमरोहा)। एक नवजात को ‘ममता’ से दूर कर सर्द रात में खुले आसमान के नीचे फेंक दिया गया। एक कुतिया ने रात भर नवजात को अपने पिल्लों के साथ सुरक्षित रखा और इंसानों को मानवता का पाठ पढ़ाया। सुबह रोने की आवाज सुनकर एक किसान चमन सिंह और उसकी पत्नी रूबी मौके पर पहुंचे। नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, ऐसे में उसे अस्पताल में भर्ती कराया। पति-पत्नी ने नवजात को गोद लेने की भी इच्छा जताई है। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करेंगे।
गांव के बाहर स्थित एक खंडहरनुमा मकान में कूड़े का ढेर लगा है। वहां पर पड़ी पुआल पर एक कुतिया पिल्लों के साथ रहती है। रविवार रात कोई कपड़े में लपेटकर नवजात को कुतिया के पिल्लों के पास फेंक गया। रातभर वह नवजात पिल्लों के पास रहा और कुतिया उसे पास ही रखे रही। गनीमत रही कि उसने नवजात को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
रूबी को नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी
सोमवार सुबह कूड़ा डालकर लौट रही रूबी को नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने जाकर देखा तो पिल्लों के पास कपड़े में लिपटा नवजात रो रहा था। उस समय कुतिया वहां नहीं थी। रूबी नवजात को उठाकर घर ले आई। कुछ ही देर बाद गांव में नवजात मिलने का शोर मच गया। चमन के घर लोगों की भीड़ लग गई। नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, ऐसे में दंपती ने उसे रेनबो अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस भी मौके पर पहुंची, पूछताछ में पता चला कि रविवार रात 11 बजे खंडहरनुमा मकान के पास दो संदिग्ध महिलाएं घूमती देखी गईं थीं। माना जा रहा कि दोनों महिलाएं ही नवजात को फेंककर गईं। पुलिस गांव में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। चर्चा है कि किसी बिन ब्याही मां ने बेटे को जन्म दिया और स्वजन लोकलाज के कारण उसे वहां फेंक गए।
नौ नहीं, सात माह में दिया नवजात को जन्म
नवजात का उपचार कर रहे चिकित्सक डा. हर्षित पालीवाल ने बताया कि फिलहाल नवजात स्वस्थ है। उसे सांस लेने में दिक्कत थी। सर्दी का असर भी था। बताया कि संभवत: सात माह के प्रसव में ही प्रसूता ने नवजात को जन्म दिया है। नवजात का वजन 900 ग्राम है। नवजात खतरे से बाहर है।

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