Mohammed Shami की बहन और उनके सात रिश्तेदार बने मनरेगा मजदूर, जांच में हुआ खुलासा
क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और बहनोई के मनरेगा मजदूर रहने के मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में पता चला है कि शमी की बहन के आठ ससुरालीजनों ने मनरेगा मजदूर बनकर करीब 4.56 लाख रुपये का भुगतान पाया है। जांच में तत्कालीन पंचायत सचिव सेवानिवृत्त रोजगार सेवक तत्कालीन एपीओ ग्राम प्रधान मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रधान के अन्य करीबियों को जिम्मेदार माना गया है।

जागरण संवाददाता, अमरोहा। क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना व बहनोई गजनबी के मनरेगा मजदूर मिलने के मामले की जांच में अफसर जुटे हैं। अब तक हुई जांच में प्रधान गुले आयशा के आठ स्वजन के नाम सामने आ चुके हैं और उन्होंने बगैर काम मनरेगा मजदूरी का 4,55,973 रुपये भुगतान पाया है।
प्रारंभिक जांच में तत्कालीन पंचायत सचिव, सेवानिवृत्त रोजगार सेवक, तत्कालीन एपीओ, ग्राम प्रधान, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर व प्रधान के अन्य संबंधी दोषी पाए गए हैं। जिन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। अभी जांच जारी है, जिसमें दोषियों की संख्या बढ़ सकती है।
शुक्रवार को तीसरे दिन भी पलौला ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में किए गए फर्जीवाड़े की जांच का कार्य चला। दोपहर करीब एक बजे बीडीओ लोकचंद आनंद अपने साथ पंचायत सचिव विजेंद्र त्यागी को लेकर विकास भवन पहुंचे।
यहां पर पंचायत के सभी मनरेगा जॉबकार्ड धारकों की सूची और अभिलेख पीडी डीआरडीए अमरेंद्र प्रताप सिंह व सीडीओ एके मिश्र को दिखाए। इसके बाद सीडीओ ने पीडी को अपनी निगरानी में उनकी जांच करने के निर्देश दिए।
शाम तक बीडीओ, पंचायत सचिव, मनरेगा लोकपाल व पीडी ने एक-एक जाब कार्डधारक की जांच शुरू की। इसमें पता चला कि ग्राम प्रधान के चार पुत्रों गजनबी, शेखू, नसरुद्दीन, आमिर सुहेल, पुत्रवधू शबीना के अलावा तीन पुत्रियों नेहा परवीन, शबा रानी व शारिया भी मनरेगा जाब कार्डधारक हैं और उनके बैंक खातों में भी बगैर काम किए मजदूरी का भुगतान हुआ है।
सीडीओ के मुताबिक- प्रारंभिक जांच में तत्कालीन पंचायत सचिव, सेवानिवृत्त रोजगार सेवक, तत्कालीन एपीओ, ग्राम प्रधान, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर व प्रधान के अन्य संबंधी दोषी मिले हैं। जांच अभी चल रही है।
बगैर काम मनरेगा मजदूरी के भुगतान लेने वालों की संख्या दर्जनभर से अधिक निकलने की उम्मीद है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि उनके जॉबकार्ड कैसे बने। डिमांड किस-किस कर्मी के कार्यकाल में की गई।
मस्टर रोल किसने तैयार किए और भुगतान किस तरीके से हुआ। वर्ष 2021 से 2024 तक के अभिलेखों का मिलान किया जा रहा है।
अभी मामले की जांच चल रही है। पीडी डीआरडीए को निगरानी में जांच कराने के लिए कहा गया है। ब्लॉक से पूरा रिकॉर्ड मंगाकर अभिलेखों का अवलोकन किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पांच कर्मी दोषी पाए गए हैं। उनकी संख्या अभी और बढ़ सकती है।
-अश्वनी कुमार मिश्र, सीडीओ
यह है पूरा मामला
जोया ब्लाक क्षेत्र के गांव पलौला की ग्राम प्रधान गुले आयशा के बड़े बेटे गजनबी से शमी की बहन शबीना ब्याही हैं। ससुराल में शबीना का दोमंजिला पक्का घर बना है। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे आमिर सुहेल व दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत कर रहे शेखू व नसरुद्दीन शबीना के देवर हैं।
शमी की बहन शबीना, उनके पति गजनबी के अलावा तीनों देवरों का नाम जनवरी 2021 को मनरेगा जाब कार्ड में दर्ज हुआ था। अगस्त 2024-2025 तक इन पांचों ने बगैर काम मनरेगा मजदूरी का भुगतान अपने बैंक खातों में लिया था। सभी के मनरेगा जॉबकार्ड अगस्त 2024 तक सक्रिय रहे थे।
डीएम निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। पीडी डीआरडीए अमरेंद्र प्रताप ने बीडीओ जोया लोकचंद आनंद को जांच सौंप दी थी। जिन्होंने गत बुधवार को गांव में जाकर जांच-पड़ताल की थी। ग्रामीणों व मनरेगा जॉबकार्ड धारकों से पूछताछ की थी। इसमें बिना काम सरकारी पैसा खातों में लेने की पुष्टि हुई थी। लेकिन, अभी जांच का कार्य चल रहा है।

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