खनन माफिया ने SOG टीम बनकर धमकाया, पिस्टल भी दिखाई; VIDEO हुआ वायरल, पुलिस पर मामला दबाने का आरोप
गजरौला में खनन व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा धमकी देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि तीन युवकों ने एसओजी बनकर एक व्यक्ति के घर में घुसकर उसे धमकाया और आधे घंटे में थाने आने को कहा। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित ने एक सिपाही पर मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है।

जागरण संवाददाता, गजरौला। खनन का धंधा करने वाले लोग अब पुलिस के नाम पर धमकियां भी देने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें तीन युवक रात के समय पर घर में घुसकर खुद को एसओजी टीम बताते हुए धमका रहे हैं।
कह रहे हैं कि आधा घंटे में थाने नहीं पहुंचे तो देख लेना क्या अंजाम होगा। यह बात वीडियो में भी कैद हुई है। मामले की तहरीर पुलिस को दी गई है।
मामला गांव मोहरका पट्टी से जुड़ा है। यहां के रहने वाले मतलूब व हासिम के बीच में गाली-गलौज करने को लेकर विवाद हुआ था। एक दिन कहासुनी के बाद फिर दोनों युवक दूसरे दिन कुमराला गांव में स्थित शराब दुकान पर भी आमने-सामने आ गए थे।
इसी प्रकरण में हासिम पक्ष की तरफ से 9 सितंबर की रात को तीन युवक पुलिस लिखी एक स्विफ्ट कार में सवार होकर रात 11:50 बजे मतलूब के घर पहुंचे और धमकाने लगे। आरोप है कि इन युवकों ने खुद को एसओजी की टीम बताया और पिस्टल दिखाते हुए धमकाया भी।
इन युवकों की एक युवक ने वीडियो भी बनाई। जिसमें युवक आधा घंटे में थाने पहुंचाने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। इतने में ही एक आरोपित की नजर वीडियो बनाने वाले युवक पर पहुंची तो उसने मोबाइल छीन लिया।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि इस मामले की तहरीर पुलिस को दी गई है। मगर, अभी तक कोई लिखापढ़ी नहीं हुई है।पीड़ित का आरोप है कि जो युवक खुद को एसओजी टीम बता रहे हैं। वो, खनन का धंधा भी करते हैं। इसके बाद भी पुलिस उनके पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
हल्का प्रभारी अनिल शर्मा ने बताया कि युवकों के बीच मारपीट का मामला संज्ञान में आया है। लेकिन, एसओजी बनकर धमकाने की बात सामने नहीं आई है। तहरीर मिली है। पीड़ित पक्ष से मिलकर कार्रवाई की जाएगी। अभी वीडियो भी प्राप्त नहीं हुआ है।
हल्का सिपाही की भूमिका संदिग्ध, दबाया जा रहा मामला
गजरौला: पीड़ित मतलूब ने इस मामले में हल्का में तैनात एक सिपाही पर मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले की तहरीर सिपाही को सौंपी है मगर, वह प्राथमिकी दर्ज करवाने के बजाए मामले को निपटवाने की बात कह रहे हैं। यही वजह है कि तहरीर देने के बाद भी अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
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