Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Amroha Chehallum 2025: इमाम हुसैन के चेहलुम पर गम में डूबे अजादार, जंजीर से किया मातम

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 06:11 PM (IST)

    अमरोहा में हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम पर अजादारों ने जंजीरों से मातम किया। शहर में गमगीन माहौल में ताबूत बरामद हुए और लब्बैक या हुसैन की सदाएं गूंजी। विभिन्न अजाखानों से जुलूस निकाले गए जिनमें मातमी अंजुमन शामिल हुईं। नौगावां सादात में भी चेहलुम पर जुलूस निकाले गए और कर्बला के शहीदों की याद में मजलिसें आयोजित की गईं। सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात रहा।

    Hero Image
    इमाम हुसैन के चेहलुम पर किया जंजीर का मातम।

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम पर अजादारों ने जंजीर का मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। अजाखानों से गमगीन माहौल में ताबूत बरामद हुए। इस दौरान फिजा में लब्बैक या हुसैन की सदा सुनाई दीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुक्रवार सुबह मुहल्ला बड़ा दरबार से ताबूत बरामद हुआ। जुलूस ने अपने तयशुदा रास्तों से होकर गुजरा। जुलूस में मातमी अंजुमन नौहा पढ़ती हुई चल रही थीं। सुबह आठ बजे बड़ा इमामबाड़ा दानिशमंदान से निकला ताजियों का जुलूस रेलवे लाइन पार सुबोध नगर स्थित कर्बला पहुंचा।

    वहीं, मुहल्ला मंडी चौब स्थित सिब्तैन मंजिल से ताजिए का जुलूस निकला जो दरबार-ए-कलां होता हुआ पहले मुहल्ला छेबड़ा पहुंचा और फिर छेबड़ा के ताजिए के साथ कटरा गुलाम अली से गुजर रहे मुख्य जुलूस में शामिल हो गया। सुबह 11 बजे अजाखाना बगला से चेहलुम का मुख्य जुलूस बरामद हुआ। यह जुलूस अपने तयशुदा रास्तों से गुजरते हुए बिजनौर रोड स्थित कर्बला में संपन्न हुआ।

    यहां मरसिया पढ़ा गया। जुलूस में कुल 30 ताजिए शामिल थे। अंजुमन अब्बासिया ने बाजार गुजरी और नौबतखाना में जंजीर का मातम किया। गमे हुसैन में अजादारों ने खुद को लहूलुहान कर लिया। जुलूस में सिब्ते सज्जाद और हसन इमाम ने छुन्नू लाल दिलगीर का मशहूर मरसिया...कैद से छूटकर जब सैय्यदे सज्जाद आए...पढ़ा।

    इनके अलावा मुदस्सिर अली खां, आसिफ निसार, अफजाल हैदर, मोहम्मद शुजा, अदनान हैदर, मोहम्मद हैदर, तबारक अली आदि ने जुलूस में मर्सिया पढ़ा। जुलूस अंजुमन तहफ्फुज-ए-अजादारी के तत्वावधान में निकला, जिसका संचालन अंजुमन रजाकारान-ए-हुसैनी ने किया।

    डीएम स्तर से गठित कमेटी में शामिल जिया एजाज नकवी, लियाकत अली, बाकर रजा नकवी, नदीम नकवी, शहजाद रजा, कासिम जैदी की निगरानी रही। अंजुमन के काईद गुलाम सज्जाद, इमदाद आबिदी, जनरल सेकेट्री खुर्शीद हैदर जैदी, डा.चंदन नकवी, वसीम जैदी, शाने मेहदी, मोहम्मद हैदर, सिराज गालिब, हुसैनी, कमर रजा व सलीम आदि मौजूद रहे।

    नौगावां सादात में भी चेहलुम पर निकाले गए जुलूस

    संसू, नौगावां सादात। कर्बला के शहीदों के चेहलुम पर बस्ती की फिजा गमगीन रही। अजादारों ने मातम कर अजीम शहादत को याद किया। रातभर चली शब्बेदारी में या हुसैन-या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। घरों में नजर-ओ-नियाज का सिलसिला जारी रहा।

    शुक्रवार सुबह में इमामबाड़ा नूरियों से पहला जुलूस अंजुमन-ए-हैदरी के तत्वावधान में बरामद हुआ जो दौलत शहीद, मजहर-ए-कर्बला, हुसैनी चौक से गुजरते हुए कर्बला पहुंचकर संपन्न हुआ। इसके बाद इमाम बारगाह दौलत शहीद से अंजुमन-ए-सोगवारे हुसैनी के संयोजन में ददूसरा जुलूस बरामद हुआ।

    जो तयशुदा रास्तों पर गश्त करते हुए कर इमाम बारगाह दौलत शहीद पहुंचा। बाद नमाज-ए-अस्र मोहल्ला कटकुई स्थित इमाम बारगाह सैय्यद हसनैन में मौलाना अली शब्बर ने मजलिस को खिताब किया। कर्बला की तारीख बताते हुए इमाम हुसैन की कुर्बानियों पर रोशनी डाली।

    कर्बला के शहीदों की जिंदगी पर चलने का पैगाम दिया। इसके बाद अंजुमन-ए-यादगारे हुसैनी व अंजुमन-ए आब्दिया ने अपना-अपना मातमी जुलूस बरामद किया। देर शाम एक जुलूस इमाम बारगाह सैय्यद हसनैन कटकुई पहुंचकर संपन्न हुआ। वहीं, गमगीन माहौल में देर रात अंजुमन-ए-आब्दिया का जुलूस अठ्ठारह बनी हाशिम मोहल्ला शाह फरीद स्थित इमाम बारगाह हजरत अली से बरामद हुआ।

    इस दौरान मौलाना मसरुर अब्बास, शजर अब्बास, वक्कार हैदर, अली इमाम, अली रजा, मास्टर अली हैदर, नूर अब्बास राना आदि मौजूद रहे। सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार की निगरानी में भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

    वहीं, चेहलुम के सिलसिले में बस्ती में घर-घर नजर-ओ-नियाज का सिलसिला चलता रहा। जिक्र-ए-हुसैन कर लोगों ने इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। उधर जोया क्षेत्र के गांव पांयती कलां में भी चेहलुुम पर ताजिए के जुलूस निकाले गए। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात रहा।